Odisha Crime: ओडिशा क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली-यूपी से 8 साइबर जालसाज गिरफ्तार; इस तरह से करते थे ठगी
ओडिशा क्राइम ब्रांच की टीम ने साइबर फ्रॉड पर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान यूपी और दिल्ली से आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है ये जालसाज एक ग्रुप का हिस्सा हैं जो बीमा पॉलिसी और लोन के नाम पर झांसा दोकर निर्दोष लोगों से ठगी कर रहे थे। एक कॉल सेंटर की तरह काम करते थे और उन लोगों से संपर्क करते थे।
संवाद सहयोगी, अनुगुल। ओडिशा क्राइम ब्रांच की साइबर क्राइम यूनिट ने दिल्ली, फतेहपुर और उत्तर प्रदेश के मऊ से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आठ साइबर जालसाज एक समूह का हिस्सा हैं, जो बीमा पॉलिसी और लोन के नाम पर निर्दोष लोगों को ठग रहे थे।
भुवनेश्वर के निवासी दिलीप कुमार जालान के अनुसार, वह और उनकी पत्नी 76,15,95 रुपये की बीमा धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं।
यह है पूरा मामला
दिलीप कुमार जालान की पत्नी के पास एचडीएफसी की बीमा पॉलिसी थी, जिसकी परिपक्वता राशि 20 लाख रुपये हुई। जुलाई में कई अज्ञात व्यक्तियों ने पॉलिसी को अपग्रेड करने के लिए कई मोबाइल नंबरों से उनसे संपर्क किया।
ऐसा ही एक ऑफर मौजूदा रुपये को अपग्रेड करने का था, जिसमें 20 लाख की पॉलिसी से 2.75 करोड़ और जल्द रिलीज की सुविधा का प्रलोभन दिया गया था। फोन करने वाले जालसाज ने चार अलग-अलग खातों में अलग-अलग रकम जमा करने के लिए कहा था।
ये लोग तैयार हो गए और 5 जुलाई व 28 सितंबर के बीच दो एसबीआइ, एक कोटक महिंद्रा और एक एक्सिस बैंक के अकाउंट में 76 लाख से ज्यादा रुपये जमा करा दिए।
सीआइडी सीबी ने दर्ज किया था मामला
इस धोखाधड़ी मामले में सीआइडी सीबी साइबर क्राइम पीएस केस संख्या 21/2023 दिनांक 04.10.2023 को शिकायत दर्ज किया गया था।
आवश्यक जानकारी और डिजिटल साक्ष्य इकट्ठा करने के दौरान यह पता चला कि आरोपी व्यक्ति प्रदेश के बाहर के हैं, जिसके बाद साइबर अपराध इकाई, सीआइडी सीबी की तीन टीमें नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर व मऊ के लिए रवाना हुईं।
कॉल सेंटर की तरह काम करते थे सभी ठग
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी भीम, रघु आनंद और रूपाली गुप्ता पहले बीमा और ऋण से संबंधित क्षेत्र में काम करते थे। आरोपी भीम विभिन्न स्रोतों से पॉलिसी धारकों या लोन के लिए आवेदन करने वालों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते थे। ये तीनों एक कॉल सेंटर की तरह काम करते थे और उन लोगों से संपर्क करते थे।
उस अनुभव का उपयोग करते हुए, उन्होंने शिकायतकर्ता को यह कहकर फुसलाया कि उसकी पत्नी की बीमा पालिसी, जिसकी परिपक्वता राशि 20 लाख रुपये है, कुछ शुल्क चुकाकर 2.75 करोड़ रुपये में अपग्रेड किया जा सकता है।
लालच दिखा कर चार व्यक्तियों के खातों में पैसे जमा करने के लिए मना लिया। गिरफ्तार सभी आरोपितों को नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश से ट्रांजिट रिमांड प्राप्त करने के बाद एसडीजेएम, भुवनेश्वर की अदालत में भेज दिया गया। वहां से सभी को जेल भेज दिया गया।
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