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    जातीय गणना पर ओडिशा सरकार क्‍यों हैं चुप? कांग्रेस बोली बिहार से सीखने की जरूरत, गिना दी नीतीश की उपलब्धियां

    Updated: Thu, 25 Jan 2024 05:10 PM (IST)

    बिहार की तर्ज पर ओडिशा में भी जातीय गणना को लेकर एक बार फिर भी सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने इसे लेकर नवीन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि आखिर नवीन पटनायक की सरकार इस पर चुप क्‍यों है? इसी के साथ उन्‍होंने बिहार में इस गणना के आधार पर सरकार की घोषणाओं का भी जिक्र किया है।

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    नवीन पटनायक और श्रीकांत जेना की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, भुवनेश्‍वर। बिहार जातीय गणना कराने वाला पहला राज्‍य है। बिहार के बाद ओडिशा में भी जाति आधारित गणना कराने की मांग उठी। हालांकि, अब तक इसके आंकड़ें सामने नहीं आए हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर से नवीन पटनायक की सरकार को घेरा है। 

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    जातीीय गणना पर ओडिशा सरकार चुप: श्रीकांत जेना

    कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने आज पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़ें पेश कर दिए गए हैं और इस आधार पर सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है। जबकि ओडिशा में अभी तक ऐसा होना बाकी है। आखिर ओडिशा सरकार ने इस पर चुप्‍पी क्‍यों साध रखी है? 

    कांग्रेस नेता ने गिनाई बिहार सरकार की उपलब्धियां

    कांग्रेस नेता ने कहा, बिहार की लगभग 94 लाख की आबादी जिनकी मासिक आय छह हजार रुपये से कम है  उन्‍हें दो लाख रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है। इस बीच तीन लाख से अधिक अध्‍यापकों की भी नियुक्ति की गई।

    राज्‍य सरकार ने गरीबों को अपना काम शुरू करने के लिए दो-दो लाख रुपये, भूमिहीन गरीबों को घर बनाने के लिए एक लाख रुपये देने का भी एलान किया। 4 लाख सरकारी क‍र्मचारियों को भी राज्‍यकर्मी का दर्जा देने की बात कही गई। 

    आगामी चुनाव से पहले रिपोर्ट का जारी होना अहम

    गौरतलब है कि ओडिशा राज्‍य पिछड़ा आयोग ने बीते साल मई-जुलाई के बीच एक सर्वे किया था। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई थी, लेकिन इसे अब तक जारी नहीं किया गया है।

    आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इस रिपोर्ट का प्रकाशन अहम माना जा रहा है। इस रिपोर्ट के सूत्रों से हवाले से कहा गया था कि राज्‍य में 208 पिछड़े वर्गों के एक करोड़ 95 लाख लोग हैं, जो ओडिशा की कुल आबादी का 46 प्रतिशत है। 

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