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भारत ने किया एक नए किस्म और अत्याधुनिक इंडीजेनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

Indigenous Technology Cruise Missile डीआरडीओ के संयुक्त प्रयास से एक नए किस्म की अत्‍याधुनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया। यह क्रूज मिसाइल 1000 से 2000 किलोमीटर तक मार करने की ताकत रखती है। परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौजूद थे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 02:36 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 02:42 PM (IST)
भारत ने किया एक नए किस्म और अत्याधुनिक इंडीजेनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण
अत्याधुनिक इंडीजेनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण

बालेश्वर, लावा पांडे। भारतीय वैज्ञानिकों और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन यानी डीआरडीओ के संयुक्त प्रयास से एक नए किस्म की मिसाइल का बुधवार की सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर चांदीपुर के एलसी तीन यानी कि लंचिंग कंप्लेक्स तीन से सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने की सूचना मिली है। यह क्रूज मिसाइल 1000 से 2000 किलोमीटर तक मार करने की ताकत रखती है। आने वाले दिनों में इस मिसाइल के और कई-कई बार परीक्षण किए जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।

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सूत्रों की मानें तो कई इसे निर्भय मिसाइल के आधुनिकरण यानी कि नया रूप मान रहे हैं तो कई इसे इंडीजेनस टेक्नोलॉजी क्रूज मिसाइल (आई टी सी एम) का नाम दे रहे हैं। आज इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

 यहां उल्लेखनीय है कि मिसाइलें दो प्रकार की होती हैं। एक बैलेस्टिक सीरीज की मिसाइलेंं जबकि दूसरा क्रूज सीरीज की मिसाइल होती है। बैलेस्टिक सीरीज की मिसाइलें जिसमें अग्नि, पृथ्वी इत्यादि दूरगामी मारक क्षमता वाली मिसाइल आती है जबकि क्रूज सीरीज की मिसाइलोंं में मुख्यतः मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल आती है जैसे कि ब्रम्होस निर्भय इत्यादि मिसाइल शामिल है। सूत्र बताते हैं कि आने वाले चंद महीनों में भारत कई भारी-भरकम और अत्याधुनिक साजो सामानों से लैस मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और यह सारी मिसाइलें मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी ज्ञान कौशल से बनायी गई हैं।

यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले निर्भय मिसाइल में टर्बोफैन इंजन का प्रयोग किया गया है। इस परीक्षण के दौरान इस मिसाइल में माणिक टर्बोफैन इंजन का प्रयोग किया गया है। परिणाम स्वरूप डीआरडीओ की तरफ से इसे इंडीजेनस टेक्नोलाजी क्रुज मिसाइल कहा जा रहा है। माणिक टर्बोफैन इंजन माध्यम से मिसाइल को अधिक गति मिलने के साथ ही आवाज भी कम होगी। निर्भय मिसाइल का वजन 1500 किलोग्राम है। इसकी लम्बाई 6 मीटर है। मोटाई 0.52 मीटर है।

यह मिसाइल 200 से 300 किलोग्राम तक दोनों पारंपरिक एवं आणविक युद्धास्त्र ले जाने में सक्षम है। निर्भय मिसाइल 1500 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद करने में सक्षम है। इसकी गति ध्वन गति से 7 से 9 गुना अधिक है। इसे पहले 12 मार्च 2013 को चांदीपुर से परीक्षण किया गया था। आज 9वीं बार इस मिसाइल का परीक्षण हुआ है।


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