Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Odisha News: सरकारी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल में कर रहे काम, हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

    Updated: Sun, 07 Apr 2024 04:38 PM (IST)

    राज्य के सरकारी अस्पताल में कार्य करने वाले डॉक्टर निजी अस्पताल में जाकर कार्य कर रहे हैं और इस पर पाबंदी को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका को हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है और इस संबंध में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब कर 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है।

    Hero Image
    सरकारी अस्पताल के डॉक्टर प्राइवेट हॉस्पिटल में कर रहे काम (File Photo)

    संवाद सहयोगी, कटक। राज्य के सरकारी अस्पताल में कार्य करने वाले डॉक्टर निजी अस्पताल में धड़ल्ले से कार्य कर रहे हैं। उस पर पाबंदी लगाने के लिए गुहार लगाते हुए हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिसे हाई कोर्ट ने विचार के लिए स्वीकार किया है और इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया गया है। यह मामला अहम होने के चलते इस मामले की सुनवाई करते हुए आगामी 4 सप्ताह के अंदर जवाब रखने के लिए राज्य सरकार को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है।

    6 मई को होगी अगली सुनवाई

    हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस शिव शंकर मिश्र को लेकर गठित खंडपीठ समाज सेवक नारायण चंद्र जेना की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगा।

    शनिवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने यह दर्शाया था कि सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले गरीब मरीजों को अक्सर निजी अस्पताल को जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    जमीन-जेवरात बेचकर इलाज के लिए हैं मजबूर

    इसके कारण वह अपनी जमीन, जेवरात सबको बेचकर अस्पताल में इलाज के लिए जाने पर मजबूर हो रहे हैं। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निजी अस्पताल में जाकर इलाज करने के कारण इस तरह की स्थिति पैदा हुई है।

    इस लिए सरकारी डॉक्टर को निजी अस्पताल में इलाज करने के लिए इजाजत नहीं दिया जाए, यह बात याचिकाकर्ता ने अपने आवेदन में दर्शाया है। अधिक रुपये कमाने की लालच में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निजी अस्पताल में जा रहे हैं और सरकारी अस्पताल में अपना कार्य सही तरह से संपादन नहीं कर रहे हैं।

    सरकारी अस्पताल में स्थिती दिन-ब-दिन हो रही बत्तर

    इसके चलते सरकारी अस्पताल में स्थिति दिन-ब-दिन बत्तर होती जा रही है। सरकारी अस्पताल में जिस समय मरीजों को देखने का समय रहता है, उसी समय जानबूझकर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं रह रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर उसी समय वह निजी अस्पताल में जाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

    सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को निजी अस्पताल में जाकर इलाज करने की इजाजत न दिया जाए और उसके लिए विशेष कानून अथवा नीति व मार्गदर्शिका जारी किए जाने की बात भी उसमें दर्शाया गया है।

    इस मामले में राज्य स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के सचिव, स्वास्थ्य निर्देशक आदि को पक्ष बनाया गया है। अदालत में श्री जेना यह मामला खुर्द संचालन कर रहे हैं।

    ये भी पढ़ें-

    Odisha News: चुनाव से पहले STA ने की समीक्षा बैठक, जानें किस मुद्दे पर की गई चर्चा

    Odisha News: ओडिशा के महानदी में छात्र ने लगाई छलांग, डूबने से मौत; परिवार में पसरा मातम का माहौल