बिहार में SAIL यूनिट बंद होने के बाद छंटनी की तलवार, चिराग पासवान से मिलेंगे कर्मचारी
बिहार में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) का प्लांट बंद होने के बाद कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। इससे प्रभावित कर्मचारी अब लोक जनशक्ति पा ...और पढ़ें

बिहार में सेल यूनिट। फोटो जागरण
आलोक कुमार, चनपटिया (पश्चिम चंपारण)। स्टील अथारिटी आफ इंडिया (सेल) की राज्य में एकमात्र कुमारबाग में बनी स्टील प्रोसेसिंग यूनिट में करीब 40 माह बगैर उत्पादन के 133 कर्मियों को 18.62 करोड़ रुपये मानदेय भुगतान के बाद अब हटाया जा रहा है।
एक कर्मी को करीब 33 हजार मासिक मिलता है। अगस्त 2022 में ही यह तय हो गया था कि तकनीकी कारणों से इस यूनिट को चलाना संभव नहीं है, लेकिन सेल ने इसे पूरी तरह से बंद कर लीज पर ली गई भूमि बियाडा को वापस करने एवं कर्मियों को हटाने के निर्णय में 40 माह लगा दिए। पिछले माह तक का बढ़े डीए के साथ सभी कर्मियों को भुगतान दिया जा चुका है।
जानकार बताते हैं कि 133 कर्मियों की बहाली तीन पदों पर हुई थी। इनमें सुपरवाइजर, टेक्नीशियन एवं नॉन टेक्नीशियन हैं। नौ सुपरवाइजर व टेक्नीशियन तथा शेष हेल्पर हैं।
कर्मियों ने बताया कि राउरकेला में 18 माह के प्रशिक्षण के बाद स्थायी करने का वादा किया गया था, लेकिन वह पूरा होना तो दूर अब हटाया जा रहा।
दूसरी ओर, यूनिट की सुरक्षा के लिए 2008 में ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तैनाती हुई थी, लेकिन उसके जवान यहां कभी आए ही नहीं। इन्हीं 133 कर्मियों में से कुछेक को सुरक्षा ड्यूटी में लगाया गया।
अब जब ये कर्मी हटा दिए जाएंगे और उससे पूर्व अगर यूनिट के संयंत्रों को यहां से स्थानांतरित नहीं किया जाता है, तो उसकी सुरक्षा पर भी खतरा होगा।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से मिलेगा कर्मियों का शिष्टमंडल
इस यूनिट के उद्घाटन में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. रामविलास पासवान आए थे। इसकी आधारशिला रखने में भी उनका योगदान रहा था, ऐसे में कर्मियों का एक शिष्टमंडल दिल्ली जाने वाला है।
वे लोग रामविलास के पुत्र केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से मिलेंगे और इस यूनिट को चालू कराने एवं कर्मियों को हटाए जाने की बोर्ड के निर्णय को वापस करने की दिशा में पहल करने की मांग करेंगे।
कर्मियों का कहना है कि उन लोगों ने जवानी इस यूनिट को दी, अब बुढ़ापे की दहलीज पर हटाने की तैयारी है। दूसरी ओर, यूनिट बंद करने की सूचना पर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।
ग्रामीण मंजय प्रसाद ने बताया कि यूनिट खुलने से जिस तरह यहां का विकास हुआ था, वह पीछे छूट जाएगा। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

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