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    पुणे जातीय हिंसा की आंच दिल्ली तक, महाराष्ट्र सदन की बढ़ाई गई सुरक्षा

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 04 Jan 2018 11:12 AM (IST)

    पुणे जातीय हिंसा के खिलाफ बुधवार को कई संगठनों ने महाराष्ट्र बंद बुलाया है।

    पुणे जातीय हिंसा की आंच दिल्ली तक, महाराष्ट्र सदन की बढ़ाई गई सुरक्षा

    नई दिल्ली (जेएनएन)। भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की चिंगारी पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है। ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन के बाहर पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है, साथ ही सुरक्षा को और चाक-चौबंद भी कर दिया है।

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    दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह हिंसा पूरे महाराष्ट्र में है उससे दिल्ली में भी प्रदर्शन की आशंका गहरा गई है। ऐसे में महाराष्ट्र सदन की सुरक्षा बढ़ाई गई है। 

    बताया जा रहा है कि विवाद 29 दिसंबर की रात से शुरू हुआ था। महाराष्ट्र के पुणे में कोरेगांव भीमा में एक कार्यक्रम के दौरान हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत होने से पूरे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति है। कार्यक्रम में पबल और शिकरापुर गांव के लोगों व दलितों के बीच झड़प हुई है।

    पुणे से करीब 30 किलोमीटर दूर पुणे-अहमदनगर हाइवे में पेरने फाटा के पास विवाद हुआ, जिसमें 25 से अधिक गाड़ियां जला दी गईं और 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़-फोड़ की गई। हिंसा का असर महाराष्ट्र के अन्य इलाकों में देखा जा रहा है। प्रदर्शन के चलते मुंबई में हार्बर लाइन पर रेल सेवा प्रभावित है। यहां सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने 100 से ज्‍यादा लोगों को अलग-अलग इलाकों से हिरासत में लिया है।

    हिंसा को लेकर मुंबई के ठाणे में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। मुंबई पुलिस के पीआरओ ने बताया कि तनावपूर्ण स्थिति को देखते मुंबई के चेंबूर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यहां धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं अलग-अलग इलाकों से 100 से ज्‍यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।

    हिंसा के खिलाफ बुधवार को कई संगठनों ने बंद बुलाया है। मुंबई के मशहूर डब्बावालों ने भी अपनी सर्विस को ठप रखा है। उन्होंने अपने ग्राहकों से खुद अपना टिफिन लाने को कहा है। इनके अलावा महाराष्ट्र बंद के कारण स्कूल बसों की सर्विस बंद है।

    कल यानी मंगलवार को मुंबई के अलावा, हड़पसर व फुरसुंगी में सरकारी और प्राइवेट बसों पर पथराव किया गया। लगभग 134 महाराष्ट्र परिवहन की बसों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही प्रदर्शन की वजह से मुंबई का ईस्टर्न हाइवे भी कई घंटों तक जाम रहा।

    जानें पूरा मामला

    200 साल पहले अंग्रेजों ने 1 जनवरी के दिन जो लड़ाई जीती थी उसका जश्न पुणे में मनाया गया। लेकिन यह जश्न इतना हिंसक हो गया कि कि इसमें एक शख्स की मौत हो गई। इसके साथ ही पनपे हिंसा में कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, सोमवार को शहर में कोरेगांव भीमा की लड़ाई की 200वीं सालगिरह मनाई गई। वहीं, इस बार यह जश्न इतना हिंसक हो गया कि एक शख्स इसकी भेंट चढ़ गया।

    दो समुहों के बीच हुई भिड़ंत के बाद कई गाड़ियों को आग लगा दी गई जबकि एक शख्स की मौत हो गई। इसके अलावा हिंसक भीड़ ने 50 से ज्यादा गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की। हिंसा के बाद से ही इलाके में तनाव फैल गया है। जिसके चलते भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। हिंसा के बढ़ते ही पुणे के हड़प्सर और फुरसुंगी के बसों में तोड़-फोड़ मचाई गई। बताया जाता है कि अहमदाबाद और औरंगाबाद जाने वाली सभी बसों को फिलबाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

    जानिए विवाद का इतिहास

    बताया जाता है कि, इस लड़ाई में 1 जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा बाजीराव की सेना को मात दी थी। इस लड़ाई में कुछ संख्या में ऐसे दलित भी थे जिन्होंने अंग्रेजों की तरफ से लड़ाई लड़ी थी। जीत के बाद अंग्रेजों ने कोरेगांव भीमा में यादगार के तौर पर जयस्तंभ बनवाया था।

    अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए दलित समुदाय के लोग हर साल शहर में जमा होते हैं और इस जयस्तंभ तक मार्च कर जश्न मनाते हैं। इसी बात को लेकर कई गांव के लोगों और दलितों में संघर्ष हुआ, जिसमें एक की मौत हो गई।