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    कूड़ा निस्तारण के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई ये खास योजना, 70 KM दूर खपा सकेंगे इनर्ट

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 08:03 AM (IST)

    दिल्ली सरकार ने कूड़ा निस्तारण में तेजी लाने के लिए एक नई योजना बनाई है। इस योजना के तहत, दिल्ली के चारों ओर 70 किलोमीटर के दायरे में इनर्ट गिराया जाएगा। इनर्ट का उपयोग सड़कों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में किया जाएगा, जिससे कूड़े के पहाड़ों को कम करने में मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य 2025 तक दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाना है।

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    निहाल सिंह, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ों को तय समय-सीमा में खत्म करने के लिए अब दिल्ली नगर निगम इनर्ट (कूड़े से ट्रामेल मशीनों के जरिये निकलने वाली मिट्टी) खपाने पर ध्यान देने जा रहा है।

    ट्रामेल मशीनों के जरिये लैंडफिल साइटों पर पुराने कचरे के निस्तारण के लिए तो एमसीडी ने इंतजाम कर दिया है लेकिन इनर्ट का खपाना एमसीडी के लिए चुनौती बन गया है। इसलिए अब निगम अपने नियमों में संशोधन कर रहा है।

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    इसके तहत दिल्ली की तीनों लैंडफिल से इनर्ट का निपटान अब 70 किलोमीटर दायरे में हो सकेगा। अभी तक इनर्ट को लैंडफिल साइट से 25 किलोमीटर की दूरी तक ही खपाने की शर्त थी। लेकिन लैंडफिल से 25 किलोमीटर दायरे में इनर्ट को खपाने की संभावनाएं अब कम हो गई हैं।

    एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम लैंडफिल पर तीसरे चरण के तहत कूड़ा निस्तारण जल्द शुरू करेंगे। ऐसे में यह कार्य तेजी से हो सके, इसके लिए हम नियम और शर्तों में संशोधन कर रहे हैं। वर्तमान में सर्वाधिक कूड़ा गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल पर है। ओखला लैंडफिल पर बहुत कम ही कूड़ा बचा है। इसलिए उत्तरी और पूर्वी दिल्ली की लैंडफिल साइटों में पुराने कचरे से निकली इनर्ट को पूरी दिल्ली में खपाया जा सके, इसके लिए यह तैयारी की जा रही है।

    पूर्व में चूंकि निगम तीन भागों में बंटा हुआ था। इस वजह से दूरी कम रखी गई थी। लेकिन अब निगम एकीकृत है। इसलिए दिल्ली में ही 70 किलोमीटर दायरे में इनर्ट को खपाया जा सके, इसके लिए लैंडफिल साइट पर कूड़ा निस्तारण करने वाली कंपनियों के लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है।

    50 से 70 प्रतिशत तक निकलती है इनर्ट

    लैंडफिल साइट पर पड़े पुराने कचरे में से 50-70 प्रतिशत तक इनर्ट निकलती है। इस इनर्ट का उपयोग गड्ढों को भरने और सड़कों के निर्माण में किया जा सकता है। इसके साथ ही तीन से चार साल तक पुराने कचरे में से निकली इनर्ट का उपयोग पार्कों में खाद के रूप में भी किया जा सकता है।

    अधिकारी ने बताया कि यूईआर -2 के बाद फिलहाल राजधानी में कोई बड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना नहीं दिख रही है इसलिए इनर्ट को निस्तारण के लिए 25 किलोमीटर की दूरी के नियम को 75 किलोमीटर करने की दिशा में हम काम रहे हैं।


    किस लैंडफिल पर कितना इनर्ट कुल पड़े कचरे में से निकलेगा

    लैंडफिल साइट- इनर्ट की मात्रा(प्रतिशत में)

    गाजीपुर-65-70

    ओखला-70-75

    भलस्वा-55-65

    (इनर्ट की मात्रा कूड़े पर निर्भर है। सूखे कूड़े से इनर्ट अधिक निकलेगी। गीले से कम)


    इनर्ट का कहां-कहां किया जा सकता है उपयोग

    • निचले इलाकों में भराव के लिए
    • सड़क निर्माण के लिए
    • पार्कों में खाद के रूप में



    कहां-कहां खपाया जा चुका है इनर्ट
    दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे

    • यूईआर-2
    • ईको पार्क
    • रोहिणी में डीडीए की खाली भूमि


    किस लैंडफिल पर कितना पड़ा है पुराना कचरा

    ओखला लैंडफिल:-

    क्षेत्रफल : 62 एकड़
    कब शुरू हुई:1996
    कब तक साफ करना है कूड़ा: जुलाई 2026

    अब कितना कूड़ा है: 28.21 लाख मीट्रिक टन

    गाजीपुर लैंडफिल साइट

    क्षेत्रफल : 70 एकड़
    कब शुरु हुई:1984
    कब तक साफ करना है कूड़ा: दिसंबर 2027

    अब कितना कूड़ा है:80.59 लाख मीट्रिक टन

    भलस्वा लैंडफिल:-

    क्षेत्रफल : 70 एकड़
    कब शुरु हुई:1994
    कब तक साफ करना है कूड़ा: दिसंबर 2026

    अब कितना कूड़ा है: 43.56 लाख मीट्रिक टन


    किस लैंडफिल से कितना इनर्ट और सीएंडडी एनएचएआइ को दिया गया

    लैंडफिल - मात्रा (लाख मीट्रिक टन)

    भलस्वा-7

    गाजीपुर-2

    ओखला-19

    अन्य एजेंसी को डूसिब और डीडीए को 20 लाख मीट्रिक टन इनर्ट भलस्वा लैेंडफिल से दिया गया।