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    जम्मू-कश्मीर में अब बोर्ड नहीं स्कूल स्तर पर होंगी आठवीं की परीक्षाएं, शिक्षा निदेशक करेंगे निगरानी

    By Surinder Raina Edited By: Suprabha Saxena
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 10:46 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में अब आठवीं की परीक्षा बोर्ड स्तर पर नहीं, बल्कि स्कूल स्तर पर ही होगी। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षा निदेशक परीक्षा की निगरानी करेंगे। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।

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    जम्मू में आठवीं क्लास की परीक्षाएं स्कूल स्तर पर होंगी

    जागरण संवाददाता, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में कक्षा 8वीं की वार्षिक परीक्षाओं के तरीके में बदलाव किया गया है। अब ये परीक्षाएं आंतरिक रूप से आयोजित की जाएंगी, जिसका उद्देश्य मूल्यांकन को अधिक योग्यता-आधारित और छात्र-केंद्रित बनाना है।

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    नई प्रणाली में नियमित रचनात्मक मूल्यांकन, कमजोर छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षण और पूरक प्रयास शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक बच्चा कक्षा 9वीं तक सफलतापूर्वक पहुंचे। नई व्यवस्था के अनुसार, कक्षा 8वीं की परीक्षाएं अब बोर्ड नहीं बल्कि स्कूल स्तर पर आयोजित की जाएंगी।

    नई प्रणाली में नियमित रचनात्मक मूल्यांकन और कमजोर छात्रों के लिए उपचारात्मक शिक्षण पर जोर दिया जाएगा ताकि प्रत्येक बच्चा नौंवीं कक्षा तक पहुंच जाए। डाइट सभी छात्रों का डेटा बनाएंगे और क्लस्टर प्रमुखों के माध्यम से इसे कार्यान्वयन किया जाएगा।

    इस संदर्भ में स्कूल शिक्षा सचिव राम निवास शर्मा की ओर से जारी आदेश में एससीइआरटी और डाइट को शिक्षकों को योग्यता आधारित प्रश्नपत्र, समग्र प्रगति कार्ड और मूल्यांकन विधियों पर प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया है। स्कूल प्रमुख विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामान्य प्रश्नपत्र तैयार करेंगे जबकि स्कूल शिक्षा निदेशक परीक्षा कार्यक्रम और निगरानी की देखरेख करेंगे।

    कार्यक्रम के अनुसार ग्रीष्मकालीन क्षेत्रों में 20 मार्च से पहले और शीतकालीन क्षेत्रों में 25 अक्टूबर से पहले परिणाम घोषित किए जाएंगे, जबकि नई कक्षाएं पहली अप्रैल और पहली नवंबर से शुरू होंगी। सरकार ने स्कूलों को नियमित प्रगति साझा करने और संचार के लिए अभिभावक व शिक्षकों के बीच बैठकों व पीटीएम को मजबूत करने का भी निर्देश दिया है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार करना और उन्हें अगली कक्षा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ने में मदद करना है।