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    पोंटी का दक्षिण अफ्रीका का कारोबार भी देखते थे नामधारी

    By Edited By:
    Updated: Tue, 27 Nov 2012 10:23 PM (IST)

    सुखदेव सिंह नामधारी न केवल उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में पोंटी चड्ढा के खनन व शराब के कारोबार को संभालते थे, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में फैले एक्सपोर्ट के बहुत बड़े कारोबार को भी वही देखते थे। इसके अलावा पोंटी ने अपने कई क्रेशर व बेनामी प्रॉपर्टी नामधारी के नाम कर रखी थी, ि

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    नई दिल्ली, [राकेश कुमार सिंह]। सुखदेव सिंह नामधारी न केवल उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में पोंटी चड्ढा के खनन व शराब के कारोबार को संभालते थे, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में फैले एक्सपोर्ट के बहुत बड़े कारोबार को भी वही देखते थे। इसके अलावा पोंटी ने अपने कई क्रेशर व बेनामी प्रॉपर्टी नामधारी के नाम कर रखी थी, जिनका पता लगा पाना अब काफी मुश्किल हो सकता है।

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    दिल्ली पुलिस के अनुसार, एक महीना पहले अपने कारोबार को देखने जब पोंटी दक्षिण अफ्रीका गए थे, तब वहीं पर उन्हें छोटे भाई हरदीप चड्ढा द्वारा पैतृक प्रॉपर्टी छतरपुर के 42 नंबर फॉर्म हाउस व बिजवासन के जी-19 फॉर्म हाउस पर कब्जा कर लेने की जानकारी मिली थी। तब पोंटी ने हरदीप को फोन कर ऐसा करने का कारण पूछा था। बताया जाता है कि हरदीप ने उक्त दोनों फॉर्म हाउसों के बदले अन्य जगहों की पैतृक प्रॉपर्टी में तीसरा हिस्सा नहीं लेने की बात कही थी। उसने कहा था कि दोनों फॉर्म हाउस उसे पंसद हैं, किंतु पोंटी इसके लिए तैयार नहीं हुए। कुछ दिन बाद ही वापस दिल्ली लौटते ही दोनों भाइयों के बीच झगड़ा होना शुरू हो गया था।

    नामधारी के साथ था डॉन दर्शन डी

    नामधारी के साथ 17 नवंबर को छतरपुर स्थित फॉर्म हाउस पर कुख्यात डॉन दर्शन डी उर्फ दर्शन भट्टी भी मौजूद था। यह वही दर्शन डी है, जिसका नाम पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड में उछला था। पुलिस इसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। इसके अलावा हत्याकांड में पुलिस को नामधारी के दो मामा की भूमिका का भी पता चला है।

    दर्शन मूलरूप से जालंधर का रहने वाला है, किंतु बेअंत सिंह हत्याकांड में अपना नाम आने के बाद वह भागकर उत्तराखंड के बाजपुर आ गया था। नामधारी भी पहले जालंधर में ही रहते थे। वहां अवतार सिंह तारी की हत्या में नाम आने पर नामधारी भी जालंधर छोड़कर बाजपुर आ गए। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि घटना वाले दिन कब्जा करने में नामधारी के दो मामा हरदयाल सिंह, हरबाज सिंह व चालक गुरबक्श सिंह, निजी गनमैन प्रीतम सिंह की भी अहम भूमिका थी।

    नामधारी से सरकारी कार वापस लेने के आदेश

    उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के सचिव ने जिलाधिकारी को अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव सिंह नामधारी से एंबेसेडर कार वापस लेने के निर्देश दिए हैं। सचिव ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि उत्तराखंड शासन द्वारा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे सुखदेव सिंह नामधारी को पद से कार्य मुक्त कर दिया गया है।

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