कोयला घोटाले पर बीजेपी ने की राष्ट्रपति से मुलाकात
संसदीय गतिरोध के लिए कैग को जिम्मेदार ठहरा रही कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने इसका ठीकरा प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के सिर फोड़ा। इस मामले पर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलेगा। इसमें अरुण जेटली और सुषमा स्वराज आदि
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संसदीय गतिरोध के लिए कैग को जिम्मेदार ठहरा रही कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने इसका ठीकरा प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के सिर फोड़ा। इस मामले पर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की है। इसमें अरुण जेटली और सुषमा स्वराज आदि नेता भी थे।
2जी के बाद अब कोयला आवंटन पर कैग की रिपोर्ट से परेशान कांग्रेस ने सोमवार को मानसून सत्र बाधित रहने का जिम्मा कैग पर थोप दिया था। प्रतिक्रिया में रविशंकर प्रसाद ने इसकी आलोचना करते हुए पूछा कि प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी को बताना चाहिए कि क्या उनकी भी यही यही राय है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि गतिरोध खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने कोई प्रयास नहीं किया। शरद यादव ने भी कांग्रेस को आगाह किया।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने फिर से कैग को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कैग के आकलन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब आवंटन 1993 की नीति के अनुसार हुआ तो कैग ने नुकसान कैसे देख लिया। नीलामी की नीति तो बाद में तय हुई।
विपक्ष का आक्रामक रुख बरकरार
कोयला घोटाले में केंद्र सरकार को घेर रही भाजपा ने मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों को कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर ज्यादा साफ-सफाई न देने की सलाह दी है। पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान व रमन सिंह से कहा है कि वे सवालों में घिरे नहीं, बल्कि आक्रामक रुख अपनाएं।
दरअसल, कांग्रेस इन दोनों राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्रियों को निशाना बनाकर मामले को नया मोड़ देने की कोशिशों में लगी है। भाजपा को अगर थोड़ी बहुत चिंता है तो वह छत्तीसगढ़ को लेकर है, क्योंकि वहां पर राज्य की कैग रिपोर्ट को भी कांग्रेस मुद्दा बना रही है। राज्यसभा सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के नजदीकी अजय संचेती का मामला भी छत्तीसगढ़ से जुड़ा होने से मामला थोड़ा नाजुक है।
हालांकि, प्रदेश सरकार व भाजपा नेताओं का दो टूक कहना है कि संचेती व राज्य सरकार के बीच जो समझौता हुआ, उसमें सारी प्रक्रिया व नियमों का पालन किया गया है। भाजपा को डर सिर्फ कांग्रेस के प्रोपेगेंडा को लेकर है। कांग्रेस केंद्रीय स्तर पर अपने बचाव में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ ही मोर्चा खोले हुए है। इसके जबाब में भाजपा ने छत्तीसगढ़ के मोर्चे पर राजनाथ सिंह, धर्मेद्र प्रधान व शाहनवाज को उतारा है। मध्य प्रदेश में रविशंकर प्रसाद दौरा कर चुके हैं। भाजपा को इस मामले में दोनों राज्यों में कांग्रेस नेताओं के अंदरूनी मतभेदों का भी लाभ मिल रहा है।
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