प्रतिबंधों में ढिलाई के लिए ट्रंप ने रूस को दिया संधि का प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगे प्रतिबंधों में ढिलाई देने के लिए दोनों देशों के बीच एक संधि का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना है कि इससे काफी लोगों को फायदा होगा।
वाशिंगटन (रॉयटर)। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील लाने के लिए एक संधि करने का सुझाव दिया है। टाइम्स ऑफ लंदन को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को जिक्र करते हुए कहा कि इस संधि से परमाणु हथियारों की संख्या में कमी और मास्को के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों में ढील की जा सकेगी। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति का पदभार संभालेंगे।
परमाणु हथियारों में कमी लाने को प्रतिबद्ध
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। लेकिन यह देखना होगा भविष्य में अमेरिका और रूस बेहतर संधियां कर सकता है या नहीं। ट्रंप ने इंटरव्यूू के दौरान इस बात पर सहमति जताई कि परमाणु हथियारों के जखीरे में कमी आनी चाहिए। इसके लिए निर्णायक कदम उठाने की भी जरूरत है। यह संधि इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकती है। गौरतलब है कि अमेरिका और रूस के पास दुनिया में सबसे अधिक परमाणु हथियार मौजूद हैं। अमेरिका के पास जहां 1367 परमाणु हथियार हैं वहीं रूस के पास 1796 परमाणु हथियार मौजूद हैं।
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पुतिन की कर चुके हैं तारीफ
इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस मौजूदा समय में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन इसके बाद भी कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिनसे बहुत से लोग लाभांवित हो सकते हैं। हालांकि इस इंटरव्यू में ट्रंप संधि के प्रारूप और प्रतिबंधों को लेकर अधिक कुछ नहीं कहा। यहां यह बात भी ध्यान रखने वाली है कि ट्रंप कई मौकों पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ कर चुके हैं। वहीं खुद पुतिन भी ट्रंप की तारीफ कर चुके हैं। इससे उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच संबंध कुछ बेहतर हो सकते हैं।
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ओबामा कार्यकाल में लगे प्रतिबंध
गौरतबल है कि बराक ओबामा के कार्यकाल में, अमेरिका ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। ये प्रतिबंध यूक्रेन, सीरियाई युद्ध में रूस की संलिप्तता और अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए किए गए कथित साइबर हमलों में उसकी संलिप्तता के चलते लगाए गए हैं। ट्रंप की हालिया टिप्पणियां प्रकाशित होने से कुछ ही समय पहले सीआईए के प्रमुख जॉन ब्रेनॅन ने चेतावनी दी थी कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति रूस की ओर से पैदा किए जाने वाले खतरों को समझते नहीं हैं।
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