भारत की मजबूती से तिब्बत को लेकर चिंतित है चीन
ग्लोबल टाइम्स में कहा गया, "नेपाल में रेलवे के निर्माण में चीन और भारत के बीच प्रतिस्पर्धा का असर नेपाल-बांग्लादेश के विकास पर पड़ेगा।

बीजिंग, प्रेट्र। नेपाल में मेची से महाकाली तक रेलवे नेटवर्क स्थापित होने से भारत का रेल संपर्क न केवल नेपाल से हो जाएगा बल्कि उसकी पहुंच बांग्लादेश और तिब्बत तक हो जाएगी। नेपाली प्रधानमंत्री प्रचंड के हाल के दिल्ली दौरे में इस संबंध में उनकी बात भारत सरकार के साथ हुई है। यह बात सरकार द्वारा संचालित अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में लिखी है।
कहा गया है कि नेपाल में रेलवे नेटवर्क के विकास में चीन और भारत के बीच की प्रतियोगिता से वहां का भविष्य बेहतर बनेगा। नेपाल और बांग्लादेश का कारोबार बढ़ेगा। लेकिन इससे तिब्बत को लेकर भी चुनौतियां बढ़ेंगी। अखबार के अनुसार भारत और नेपाल अच्छी सड़कों के जरिये आपस में जुड़े हुए हैं। नेपाल का 60 से 70 फीसद कारोबार भारत के कब्जे में है जबकि चीन का उसमें फिलहाल दस प्रतिशत का ही हिस्सा है।
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अखबार ने लिखा है कि भारत ने अगर अगले दशक में भी विकास की गति बनाए रखी और आधारभूत ढांचे व औद्योगिक क्षेत्र में विकास किया तो वह कई मामलों में चीन पर दबाव बना लेगा। ऐसे में तिब्बत को लेकर मुश्किल बढ़ सकती है। सौभाग्य से चीन की केंद्रीय सरकार तिब्बत के विकास की तरफ लगातार ध्यान दे रही है। आधारभूत ढांचे के विकास में तिब्बत का इलाका भारतीय क्षेत्र से आगे है।
वह अपने पड़ोसी प्रांतों के साथ मजबूत आर्थिक संबंध बना रहा है। तिब्बत में तैयार किया गया आधारभूत ढांचा चीन के लिए नेपाल और बांग्लादेश से कारोबार और निवेश बढ़ाने में सहायक साबित होगा। ऐसे में वहां के लोगों के उत्पीड़न का आरोप कैसे लगाया जा सकता है ?

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