पाक सेना ने 'सर्जिकल स्ट्राइक' को बताया भारतीय नाटक का हिस्सा
पाक सेना ने हाफिज सईद की नजरबंदी को 'नीतिगत फैसला' करार दिया।
इस्लामाबाद, आइएएनएस/प्रेट्र। नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के सवाल पर पाकिस्तान सेना ने मंगलवार को कहा कि यह सब भारत सुनियोजित योजना के तहत कर रहा है। वह दुनिया का ध्यान कश्मीर से हटाना चाहता है। भारत की ओर से की गई 'सर्जिकल स्ट्राइक' भी इस पूरे नाटक का एक भाग थी। हालांकि, पाक सेना ने हाफिज सईद की नजरबंदी को 'नीतिगत फैसला' करार दिया।
मीडिया से बातचीत में इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आइएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा, भारतीय सेना प्रमुख ने हाल ही में 'कोल्ड स्टार्ट डॉक्टि्रन' के संबंध में एक बयान दिया था। पाकिस्तान पहले ही आशंका जता चुका है कि वह इन क्षमताओं को विकसित करने पर कार्य कर रहा है। भारतीय सेना प्रमुख ने इसकी पुष्टि कर दी है और अपनी कार्रवाइयों को और व्यापक करने के इरादे भी जाहिर कर दिए हैं। बता दें 'कोल्ड स्टार्ट' ऐसा सिद्धांत है जिसे भारतीय सेना ने पाकिस्तान के साथ संभावित युद्ध के मद्देनजर तैयार किया है।
सईद की नजरबंदी मामले पर गफूर ने कहा कि यह नीतिगत फैसला सरकार ने राष्ट्रहित में लिया है। भारत के साथ हालात पर उन्होंने कहा, 'हम किसी के साथ युद्ध नहीं चाहते। युद्ध किसी भी चीज का हल नहीं है, लेकिन हम अपनी गरिमा और सम्मान के साथ किसी तरह का समझौता नहीं कर सकते। कश्मीर मसले का समाधान संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत और बातचीत से निकाला जाना चाहिए लेकिन शांति की हमारी इच्छा को हमारी कमजोरी नही समझा जाना चाहिए।'
बढ़ सकती है सईद की नजरबंदी :
उधर, हाफिज सईद ने कहा है कि उसकी नजरबंदी से कश्मीर में चल रहे भारत विरोधी संघर्ष को नई ऊर्जा मिलेगी। बता दें कि सोमवार रात पाकिस्तान ने सईद और चार अन्य आतंकियों को नजरबंद कर लिया था। सईद को लाहौर स्थित उसके घर में नजरबंद किया गया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, उसे फिलहाल 90 दिनों के लिए नजरबंद किया गया है, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने मंगलवार को संकेत दिए कि यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
सईद की नजरबंदी का विरोध :
हाफिज सईद को नजरबंद किए जाने के विरोध में पाकिस्तानी पंजाब प्रांत की विधानसभा में विपक्ष ने वॉकआउट किया। जबकि, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के इमरान खान ने कहा कि शरीफ सरकार ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में उठाया है।
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