मिसाइल संकट के बीच दक्षिण कोरिया ने जताई उत्तर कोरिया से वार्ता की इच्छा
दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया पर लागू करने के साथ ही वार्ता प्रक्रिया भी शुरू करने की इच्छा जताई है। --------------------
सियोल, रायटर/पीटीआर्इ। कोरियाई प्रायद्वीप में बने तनाव के माहौल के बीच दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के साथ वार्ता शुरू करने की इच्छा जताई है। दक्षिण कोरिया में पिछले हफ्ते ही नए राष्ट्रपति मून जेई इन चुने गए हैं और उन्हें नरमपंथी नेता माना जाता है। इस बीच जापान ने उत्तर कोरिया की ओर से पैदा खतरे को नए स्तर पर पहुंचने की बात कही है। प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने इसे पहले से ज्यादा गंभीर करार दिया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।
जापान के प्रधानमंत्री का मानना है कि उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल विकास कार्यक्रम अब उच्च स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षो में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उत्तर कोरिया पर यह कार्यक्रम रोकने के लिए दबाव बढ़ाती रही लेकिन उसने परवाह नहीं की। इसी का नतीजा है कि उत्तर कोरिया अपने हथियारों की क्षमता बढ़ाता रहा और उनका परीक्षण करता रहा। पिछले एक साल में 20 बार मिसाइलों का परीक्षण इस बात को साबित करता है।
दक्षिण कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया पर लागू करने के साथ ही वार्ता प्रक्रिया भी शुरू करने की इच्छा जताई है। दक्षिण कोरिया सरकार के प्रवक्ता ली डक हेंग ने कहा कि हमारा मानना है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच संवाद की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। यह सरकार का विचार है, लेकिन इस बारे में अभी कोई निर्णय या रूपरेखा तैयार नहीं की गई है।
इससे पहले दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के पांचवे परमाणु परीक्षण के बाद उसकी भूमि पर चल रहे दोनों देशों की संयुक्त भागीदारी वाले औद्योगिक क्षेत्र में अपना काम बंद कर दिया था। दोनों देशों के बीच बंटवारा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। दोनों देशों के बीच सन 1950 से 1953 युद्ध चला लेकिन बिना किसी संघर्ष विराम समझौते के रुक गया। इस लिहाज से दोनों देश तकनीकी रूप से अभी भी युद्धरत हैं।
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