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शिया लड़कों ने मोसुल को पश्चिम से घेरा, डर से नागरिकों ने शहर छोड़ा

शिया लड़ाकों के करीब पहुंचने से मोसुल और रक्का के बीच स्थित शहर ताल अफर से हजारों नागरिक भाग निकले हैं। आइएस के कब्जे वाले क्षेत्र की तरफ कुछ लोगों के भाग निकलने पर मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 23 Nov 2016 08:02 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2016 08:10 PM (IST)
शिया लड़कों ने मोसुल को पश्चिम से घेरा, डर से नागरिकों ने शहर छोड़ा

बगदाद, रायटर : इस्लामिक स्टेट (आइएस) के गढ़ मोसुल पर कब्जे का प्रयास जारी है। शिया लड़ाकों ने मोसुल पर पश्चिम से घेरा डालना शुरू कर दिया है। मोसुल से 60 किलोमीटर पश्चिम में स्थित ताल अफर तक लड़ाके पहुंच चुके हैं। मोसुल के पूर्वी हिस्से से इराकी सेना पहले ही दाखिल हो चुकी है।

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शिया लड़ाकों के करीब पहुंचने से मोसुल और रक्का के बीच स्थित शहर ताल अफर से हजारों नागरिक भाग निकले हैं। आइएस के कब्जे वाले क्षेत्र की तरफ कुछ लोगों के भाग निकलने पर मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है। ऐसे इलाकों में नागरिकों तक मदद पहुंचाना संभव नहीं है। ईरान प्रशिक्षित और समर्थित लड़ाके ताल अफर की घेराबंदी करने में जुटे हैं।

निनेवेह प्रांतीय काउंसिल में ताल अफर के प्रतिनिधि नुरालदीन काबलान ने कहा कि शहर से करीब 3000 परिवार भाग चुके हैं। इनमें से करीब आधे दक्षिण पश्चिम, सीरिया की तरफ बढ़ रहे हैं और आधे उत्तर की तरफ कुर्द कब्जा वाले क्षेत्र की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने कुर्दिश अधिकारियों से नागरिकों के लिए सुरक्षित रास्ता देने को कहा है।

ताल अफर से भाग रहे लोग सुन्नी समुदाय के हैं। निनेवेह प्रांत और मोसुल के भीतर बाहर बड़ी आबादी इसी समुदाय की है। ताल अफर में शिया समुदाय के भी लोग हैं, लेकिन 2014 में कट्टरपंथी सुन्नी समुदाय के इलाके पर पकड़ बनाने के बाद यह समुदाय भाग निकला।


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