वैज्ञानिकों ने पता लगाया कैसे बनी पृथ्वी
लंदन। हमारी धरती कैसे बनी, वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। ज्वालामुखीय चट्टानों के अध्ययन से उन्हें इस रहस्य को जानने में मदद मिली है कि साढ़े चार अरब वर्ष पहले पृथ्वी कैसे बनी होगी। विज्ञान पत्रिका 'नेचर' ने इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग समेत अन्य यूरोपीय देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध
लंदन। हमारी धरती कैसे बनी, वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझाने का दावा किया है। ज्वालामुखीय चट्टानों के अध्ययन से उन्हें इस रहस्य को जानने में मदद मिली है कि साढ़े चार अरब वर्ष पहले पृथ्वी कैसे बनी होगी।
विज्ञान पत्रिका 'नेचर' ने इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग समेत अन्य यूरोपीय देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध को प्रकाशित किया है। हमारी धरती कैसे और कब बनी, इसके लिए वैज्ञानिकों ने ज्वालामुखी के लावा के ठंडा होने के बाद बने बेसाल्ट का अध्ययन किया है। उन्होंने इसके जरिये यह पता लगाने की कोशिश की है कि धरती और उसके वातावरण के निर्माण की प्रक्रिया कब और क्या रही होगी।
वैज्ञानिकों ने इस बेसाल्ट यानी मैग्मा (धरती के सतह के नीचे पाई जाने वाली पिघली या अर्द्ध पिघली चट्टानों का मिश्रण) के द्रव को 2000 डिग्री सेल्शियस से भी अधिक तापमान पर गर्म कर परीक्षण किया। उन्होंने इस अध्ययन से पता लगाया कि इन पिघली हुई मैग्मा के कारण कभी धरती के मैंटल (धरती के ऊपरी सतह और बाहरी कोर के बीच की 2900 किमी मोटी परत) में समुद्र जैसी कोई संरचना बनी होगी।
वैज्ञानिकों ने इस सच्चाई को माना है कि धरती का निर्माण साढ़े चार अरब वर्ष पहले ही हुआ होगा। उस समय हमारी धरती का ज्यादातर हिस्सा खौलते हुए लावा जैसा रहा होगा। बाद में जैसे-जैसे लावा ठंडा होता गया, धरती के ऊपरी सतह का निर्माण होता गया। अब वैज्ञानिक यह जानने के उत्सुक हैं कि कैसे पृथ्वी के ऊपरी सतह और अंदरुनी कोर ने आकार लिया और उसके अंदर ज्वालामुखीय गतिविधियां कैसे संचालित होना शुरू हुई।
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