असद की ढाल बना रूस, गैस से मौत के लिए विद्रोहियों को बताया जिम्मेदार
हमले से सीरियाई शांति वार्ता के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है।
मॉस्को, रायटर/ एएफपी : रासायनिक हमले के बाद चौतरफा घिरे सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की रूस ढाल बन गया है। उसने जहरीली गैस से मौत के लिए विद्रोहियों को जिम्मेदार बताया है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसौदा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद रूस ने यह बात कही। खाने शेखहुन में मंगलवार को हुए हमले में सौ लोग मारे गए थे और चार सौ जख्मी हो गए थे।
हमले से सीरियाई शांति वार्ता के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सीरियाई विमानों ने आतंकियों के हथियार डिपो को निशाना बनाया था जिसमें जहरीले पदार्थ रखे थे। यहां तैयार होने वाले हथियार इराक में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने थे। उल्लेखनीय है कि बीते छह साल से रूस के ही कारण पश्चिमी देश असद पर सीधी कार्रवाई नहीं कर पाए हैं।
विद्रोही समूह फ्री इदलिब आर्मी के कमांडर हसन हज अली ने रूस के दावे को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि हर किसी ने विमान को रासायनिक बम गिराते देखा। यहां रहने वाले सभी नागरिकों को पता है कि इलाके में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां हथियार बनाए जाते हैं। विद्रोही समूहों में से कोई भी रासायनिक हथियार बनाने में सक्षम नहीं है। एक अन्य विद्रोही गुट फतह अल शाम ने हमले का बदला लेने की चेतावनी दी है।
क्या हुआ था?
इदलिब प्रांत के खान शेखहुन के एक रिहायशी इलाके में मंगलवार की सुबह 40 बार हवाई हमले किए गए। हमला होते ही ज्यादातर लोग चक्कर खाकर गिर पड़े। कुछ उल्टियां करने लगे तो कई के मुंह से झाग निकलने लगा। चिकित्सकीय मदद पहुंचने से पहले ही कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। उस अस्पताल पर भी बमबारी की गई जहां पीडि़तों का इलाज किया जा रहा था। छह साल से गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया में यह सबसे भीषण रासायनिक हमला था।
प्रस्ताव में क्या?
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रस्ताव में हमले की व्यापक जांच की मांग की गई है। सीरियाई सेना के हवाई अभियान की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। उस पायलट का नाम बताने को कहा गया है जो विमान उड़ा रहा था। सेना के उस हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति मांगी गई है जहां से विमान ने उड़ान भरी थी। रासायनिक हथियारों के निषेध पर काम करने वाले संगठन को अगले पांच दिनों के भीतर सीरियाई जनरलों और नेताओं से मुलाकात का समय देने को कहा गया है।
क्या करेंगे ट्रंप?
2013 के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका ने असद पर रासायनिक हमले का आरोप लगाया है। उस समय दमिश्क के उपनगरीय इलाके में ऐसी घटना के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने असद सरकार को अपदस्थ करने के लिए हवाई कार्रवाई की चेतावनी दी थी। मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खान ने शेखहुन हमले को नृशंस बताते हुए इसे ओबामा प्रशासन की कमियों का परिणाम बताया है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप रूस से करीबी के पक्षधर हैं और उनकी सरकार में असद को लेकर अमेरिका का रुख नरम भी हुआ है।
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