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    शस्त्र संधि: पाकिस्तान ने किया भारत का समर्थन

    संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र हथियार व्यापार संधि [यूएनएटीटी] पर भारत के रुख का समर्थन किया है। इस संधि के तहत दुनियाभर में 70 अरब डॉलर [करीब 300 अरब रुपये] के पारंपरिक हथियारों के व्यापार पर निगरानी की बात कही गई है। पाकिस्तान ने कहा है कि यह संधि हथियारों का निर्यात करने वाले देशों के पक्ष में हैं और इसके तहत आयातकों के हितों की रक्षा नहीं की गई है।

    By Edited By: Updated: Sat, 30 Mar 2013 05:49 PM (IST)

    संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र हथियार व्यापार संधि [यूएनएटीटी] पर भारत के रुख का समर्थन किया है। इस संधि के तहत दुनियाभर में 70 अरब डॉलर [करीब 300 अरब रुपये] के पारंपरिक हथियारों के व्यापार पर निगरानी की बात कही गई है। पाकिस्तान ने कहा है कि यह संधि हथियारों का निर्यात करने वाले देशों के पक्ष में हैं और इसके तहत आयातकों के हितों की रक्षा नहीं की गई है।

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    संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत मसूद खान ने कहा, 'यह शस्त्र संधि निर्यातकों के लिए ही बनी है। इसमें आयातकों और निर्यातकों के बीच हितों व उत्तरदायित्वों का उचित संतुलन नहीं रखा गया है। यह एक असंतुलित समझौता है और यह दूसरे देशों पर हथियारों के मुख्य निर्यातक-देशों की शतर्ें थोपने का एक साधन बन सकता है।' गुरुवार को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एटीटी पर कांफ्रेस में खान ने अपनी बात कही। हालांकि संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण संधि के प्रस्ताव को पारित नहीं किया जा सका। उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया जैसे देशों ने इस संधि को रोक दिया था।

    भारत ने इस संबंध में कहा कि संधि मौजूदा स्वरूप में अपने राष्ट्रीय हितों के साथ समझौता करती है। यह हथियारों का निर्यात करने वाले देशों के पक्ष में है। हालांकि पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन भारत की चिंताओं का समर्थन किया।

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