कश्मीर पर पाकिस्तान ने मुंह की खाई, खाली हाथ लौटे पाक के विशेष दूत
इन दूतों को दुनिया के सभी देशों में जाकर कश्मीर में भारत सेना के कथित जुर्म का पर्दाफाश करना था। लेकिन नवाज शरीफ सरकार के सभी विशेष दूत खाली हाथ लौट आए हैं।
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। कश्मीर पर समर्थन जुटाने के लिए पूरी दुनिया में निकले पाकिस्तान के विशेष दूत खाली हाथ वापस लौट आए हैं। पाकिस्तान दुनिया के किसी भी देश ने कश्मीर पर समर्थन हासिल करने में विफल रहा है। यहां तक चीन ने भी इस मामले में खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है। हताशा में पाकिस्तान अब विश्व समुदाय को अफगानिस्तान को लेकर ब्लैकमेलिंग पर उतर आया है। अमेरिका में नवाज शरीफ सरकार के विशेष दूत ने साफ-साफ शब्दों में धमकी दे डाली कि कश्मीर की समस्या के समाधान होने तक अफगानिस्तान में शांति नहीं हो सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दो महीने से पाकिस्तान कश्मीर को भारत के साथ विवाद के केंद्र में लाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपना भाषण पूरी तरह कश्मीर पर केंद्रीत रखा। इसके पहले अगस्त में ही नवाज शरीफ ने 22 विशेष दूत दुनिया के विभिन्न देशों में भेजने का ऐलान कर चुके थे। इन दूतों को दुनिया के सभी देशों में जाकर कश्मीर में भारत सेना के कथित जुर्म का पर्दाफाश करना था। लेकिन नवाज शरीफ सरकार के सभी विशेष दूत खाली हाथ लौट आए हैं।
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इन विशेष दूतों का अनुभव पाकिस्तान की आंखें खोलने के लिए काफी हैं। नवाज शरीफ ने अपनी ही पार्टी के सांसद राणा मुहम्मद अफजल को फ्रांस भेजा था। फ्रांस से लौटने के बाद राणा ने संसद की कमेटी को बताया कि फ्रांस में जब उन्होंने कश्मीर का मुद्दे पर बातचीत शुरू की, तो फ्रांसीसी अधिकारियों ने हाफिज सईद का मुद्दा उठा दिया। पूरे वाकये से आहत राणा ने अपनी सरकार की नीति पर सवालिया निशान लगाते हुए पूछ डाला कि आखिरकार हाफिज सईद हमारे लिए कौन सा अंडे दे रहा है कि हम उसे बचाने में लगे हैं। उनका कहना था कि जबतक हम इन आतंकी आकाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, दुनिया में कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं होगा।
वहीं इस हफ्ते अमेरिका पहुंची विशेष दूत मुशाहित हुसैन सैयद ने वहां के थींक टैंक में दो घंटे का भाषण देकर कश्मीर की समस्या को समझाने की कोशिश की। लेकिन गिलगित बाल्टिस्तान नेशनल कांग्रेस के निदेशक सेंगे सेरिंग उनकी कोशिशों की यह कहते हुए हवा निकाल दी कि पाकिस्तान खुद एक तिहाई कश्मीरी इलाके पर कब्जा जमाए हुए है और कब्जा करने वाला कश्मीर का दोस्त कभी हो ही नहीं सकता है। उन्होंने पाकिस्तान पर कश्मीरी संसाधनों को दोहन और कश्मीरियों के शोषण का आरोप लगाया।
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कश्मीर पर समर्थन जुटाने के बजाय आतंकियों को समर्थन देने के मुद्दे पर बुरी तरह घिरा पाकिस्तान अब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को ब्लैकमेल करने की कोशिश करने लगा है। पाकिस्तानी दूत मुशाहित हुसैन सैयद ने अमेरिका को धमकी दे दी कि कश्मीर समस्या का जबतक समाधान नहीं निकलेगा, तबतक अफगानिस्तान में भी शांति नहीं आ सकती है। इसके साथ ही दो परमाणु संपन्न देश के बीच कश्मीर समस्या के बने रहने को उन्होंने विश्व शांति के लिए भी खतरा बता दिया। यह अलग है कि इन धमकियों के बावजूद अमेरिका में वे समर्थन जुटाने में विफल रहे। अंतत: पाकिस्तान को यह कहकर संतोष करना पड़ा कि ने नया अमेरिकी राष्ट्रपति शायद पाकिस्तान के पक्ष पर ध्यान देंगे।
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