मुंबई हमले में बचा मोशे बोला, आइ लव यू मोदी जी
उल्लेखनीय है कि मोशे वह किशोर है जिसने महज दो साल की आयु में मुंबई बम धमाकों में अपने माता-पिता को खो दिया था।
तेल अवीव, प्रेट्र: प्रोटोकाल तोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी 11 वर्षीय मोशे होल्त्जबर्ग से मिले तो दोनों भावुक हो गए। मोशे ने हिंदी में मोदी से कहा, 'आपका हमारे देश में स्वागत है'। किशोर ने कहा, वह भारत में आना चाहता है। उसकी ख्वाहिश है कि बड़ा होकर वह मुंबई में बस जाए। पीएम ने दो कदम आगे बढ़ते हुए मोशे को सपरिवार भारत आमंत्रित किया। वह बोले, भारत सरकार आपको लंबी अवधि का वीजा उपलब्ध कराएगी। मोशे ने मोदी से यह भी कहा कि 'हमेशा मुझे प्यार करते रहना और मेरे माता-पिता को कभी मत भुलाना'। उसने मोदी को एक चित्र भेंट किया तो वह बोले 'बेहतरीन तोहफे के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद'।
उल्लेखनीय है कि मोशे वह किशोर है जिसने महज दो साल की आयु में मुंबई बम धमाकों में अपने माता-पिता को खो दिया था। 2008 में नरीमन हाउस में आतंकी हमला हुआ था। 26 नवंबर 2008 की काली रात को मोशे रब्बी गवेरियल और रिवका होल्टजबर्ग के साथ मुंबई के छाबड़ हाउस में मौजूद था। इस छाबड़ हाउस को नरीमन हाउस भी कहते हैं। पाक परस्त लश्कर के आतंकियों ने इस बिल्डिंग पर हमला कर कई लोगों की हत्या कर दी। इसमें मोशे के माता-पिता भी शामिल थे। मासूम मोशे उनके शवों के पास खड़ा रो रहा था। उसकी आया सैन्ड्रा ने रोने की आवाज सुनी और उसे लेकर सुरक्षित स्थान पर चली गई।
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हमले में मोशे तो बच गया लेकिन वो अनाथ हो चुका था, लेकिन भारत से इस बच्चे को भरपूर प्यार मिला और ये बच्चा आतंक के खिलाफ भारत की जंग में एक जाना-पहचाना चेहरा बना। सैन्ड्रा को इजरायल सरकार ने 2010 में मानद नागरिकता प्रदान की थी। वह यरुशलम में बच्चों की देखभाल करती है और सप्ताहांत में मोशे से मिलती है।
मोशे इजरायल के अफूला शहर में अपने दादा रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग और दादी येहूदित रोसेनबर्ग के साथ रहता है। पीएम मोदी से मुलाकात के लिए ये सभी यरुशलम आए हुए थे। मोशे के दादा रब्बी शिमोन ने कहा कि ये एक अच्छा एहसास है कि भारत के लोग हमें भूले नहीं है। मुंबई हमले के नौ साल बाद भी हमारा दर्द साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि दो साल बाद वह मोशे की 'बार मित्जवाह' की रसम में पीएम मोदी को बुलाना चाहते हैं।