पाकिस्तान का आरोप, मुंबई हमलों के 24 गवाहों को पाकिस्तान नहीं भेज रहा भारत
अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि भारत सरकार न केवल 24 गवाहों को भेजने से इनकार कर रही है, बल्कि मामले की दोबारा जांच की मांग भी कर रही है।
लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान ने कहा है कि मुंबई आतंकी हमला मामले में भारत 24 गवाहों को भेजने में आनाकानी कर रहा है। अभियोजन पक्ष ने कहा है कि भारतीय गवाह के पेश होने तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकती है। इस मामले की सुनवाई आतंकवाद विरोधी अदालत में चल रही है।
चार महीने से ज्यादा समय के बाद रावलपिंडी के आदियाला जेल में आतंकवाद विरोधी अदालत ने सुनवाई शुरू की। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि भारत सरकार न केवल 24 गवाहों को भेजने से इनकार कर रही है, बल्कि मामले की दोबारा जांच की मांग भी कर रही है। अभियोजन ने कहा, 'भारतीय गवाहों के अदालत में पेश होने तक मामले पर सुनवाई पूरी नहीं होगी।' अदालत ने 22 मार्च तक सुनवाई टाल दी।
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भारतीय गवाहों को भेजे जाने के जवाब में नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से मामले की दोबारा जांच की मांग की है। भारत ने जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद और लश्कर-ए-तैयबा के आपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ सौंपे गए सुबूत के आधार पर मामला चलाने को कहा है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'यदि मुंबई मामले में सईद के खिलाफ कुछ ठोस सुबूत भारत देता है तो हम मामला चलाएंगे। ठोस सबूत नहीं होने से लखवी जमानत पर छूट गया।'
एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के ईनामी आतंकी सईद को नवंबर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद नजरबंद किया गया था। अदालत ने 2009 में उसे रिहा कर दिया। पंजाब सरकार ने 30 जनवरी को सईद के साथ ही जमात-उद-दावा व फलह-ए-इंसानियत के चार अन्य नेताओं को 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था।