Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन में कैसे चुने जाते हैं राष्ट्रपति और पीएम

    By Edited By:
    Updated: Thu, 08 Nov 2012 09:45 AM (IST)

    नई दिल्ली। अमेरिका के बाद चीन में सत्ता का परिवर्तन दुनिया की राजनीतिक स्थिति को समझने का बेहद दिलचस्प पहलू है। एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति को चुनने के लिए जनता घरों से बाहर निकलकर वोट करती है वहीं चीन में राष्ट्रपति का चुनाव इसके बेहद उल्टे तरीके से होता है। दरअसल यहां पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जनता

    नई दिल्ली। अमेरिका के बाद चीन में सत्ता का परिवर्तन दुनिया की राजनीतिक स्थिति को समझने का बेहद दिलचस्प पहलू है। एक तरफ जहां अमेरिका के राष्ट्रपति को चुनने के लिए जनता घरों से बाहर निकलकर वोट करती है वहीं चीन में राष्ट्रपति का चुनाव इसके बेहद उल्टे तरीके से होता है। दरअसल यहां पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को जनता नहीं चुनती बल्कि बेहद गोपनीय तरीके से एक बंद हॉल में उसके नाम की घोषणा की जाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीजिंग में मौजूदा समय में चल रही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में जिस तरह ग्जी जिंगपिंग के नाम पर मुहर लगाई गई, वह इसका सीधा से एक प्रमाण प्रस्तुत करता है। वह मौजूदा राष्ट्रपति हू जिंताओ हैं की जगह लेंगे, जो जियाग जेमिन के उत्तराधिकारी हैं। चीन का राजनीतिक तंत्र दुनिया के कई मुल्कों से बेहद अलग और दिलचस्प है। इसको समझने के लिए यहां के राजनीतिक तंत्र को समझना बेहद जरूरी है।

    दरअसल चीन में राजनैतिक ढांचे में सबसे ऊपर चीनी साम्यवादी दल, फिर सेना और आखिर में सरकार आती है। चीन का राष्ट्रप्रमुख वहां का राष्ट्रपति होता है, जबकि दल का नेता उसका आम सचिव होता है। यह चीनी मुक्ति सेना का मुखिया केंद्रीय सैन्य आयोग का अध्यक्ष होता है। राष्ट्रपति ही यहां तीनों सेनाओं का प्रमुख भी होता है।

    राष्ट्रपति के प्राधिकरण अधीन चीन की राज्य परिषद है, जो चीन की सरकार है। सरकार के मुखिया वर्तमान में वेन जियाबाओ हैं, जो परिवर्ती उपमंत्रियों के मंत्रीमंडलय के मुखिया हैं। इसमें वर्तमान में चार सदस्य हैं, इसके अतिरिक्त अन्य बहुत से मंत्रालय भी उनके अधीन हैं। यद्यपि राष्ट्रपति और राच्य परिषद कार्यकारी सभा बनाते हैं लेकिन चीनी जनवादी गणराच्य की सर्वोच्च सत्ता चीनी जनवादी गणराच्य की जनसभा है, जिसे चीनी संसद भी कहा जाता है। इसमें करीब तीन हजार प्रतिनिधि हैं, और जो वर्ष में एक बार मिलते हैं।

    चीनी जनवादी गणराच्य की कोई स्वतन्त्र न्यायपालिका नहीं है। हालाकि 1970 के उत्तरकाल से मुखयत: महाद्विपीय यूरोपीय न्याय प्रणाली के आधार पर एक प्रभावशाली विधिक प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया गया लेकिन न्यायपालिक साम्यवादी दल के अधीन ही है। इस प्रलाणी के दो अपवाद हैं हाग काग और मकाउ, जहां क्रमश: ब्रिटिश और पुर्तगाली न्यायपालिका व्यवस्था है।

    चीनी साम्यवादी दल के साथ-साथ, चीन में आठ अन्य राजनैतिक दल हो सकते हैं। लेकिन इन दलों को चीनी साम्यवादी दल की मुख्यता को स्वीकृत करना होता है और इनको दीर्घकालिक सहअस्तितव के सिद्धान्त के अनुसार केवल परामर्शदाता की भूमिका ही निभानी होती है।

    1980 से स्थानीय क्षेत्रों में चुनाव होते रहें है जिनमें ग्राम मुखिया चुना जाता है। इस प्रकार के चुनाव हाल ही में नगरीय क्षेत्रों में भी विस्तारित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त दल के पीपुल्स काग्रेस के लिए भी नगरपालिका और जिला स्तर पर चुनाव हुए हैं। चुनावी व्यवस्था में साम्यवादी दल की मुख्य भूमिका है। हागकाग और मकाऊ में चुनाव तो होते हैं लेकिन विधायिका के एक तिहाई सदस्यों को चुनने के लिए।

    पिपुल्स कांग्रेस के चुने गए सदस्यों के अलावा 23 क्षेत्रिय, पांच स्वायत्त क्षेत्र पूरी तरह से केंद्र के अधीन होते हैं। इनके सदस्य बाद में नेशनल पिपुल्स कांग्रेस के सदस्यों का चयन करते हैं। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ही बाद में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मिलिट्री आयोग के प्रमुख और सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख का चयन करती है। इसके पास ही स्टेंडिंग कमेटी बनाने का एकाधिकार भी होता है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर