खिलौने से प्रेरित हो राइट बंधुओं ने बनाया था हवाई जहाज
हवाई जहाज का आविष्कार करने वाले राइट बंधु बचपन से ही कल्पनाशील थे और अपनी कल्पनाओं की उड़ान में उन्होंने हवाईजहाज बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया था।
नई दिल्ली। हवाई जहाज का आविष्कार करने वाले राइट बंधु बचपन से ही कल्पनाशील थे और अपनी कल्पनाओं की उड़ान में उन्होंने हवाईजहाज बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया था। अमेरिका के हटिंगटन स्थित यूनाइटेड ब्रेदेन चर्च में बिशप के पद पर कार्यरत उनके पिता ने बचपन में उन्हें एक खिलौना हेलीकॉप्टर दिया था जिसने दोनों भाइयों को असली का उड़न यंत्र बनाने के लिए प्रेरित किया।
कागज, रबर और बांस का बना हुआ यह हेलीकॉप्टर फ्रास के एयरोनॉटिक विज्ञानी अल्फोंसे पेनाउड के एक अविष्कार पर आधारित था। दोनों में इस खिलौने को लेकर जबर्दस्त उत्सुकता थी। दोनों रात दिन इससे खेलते रहे। दोनों इससे तब तक खेलते रहे जब तब कि एक दिन यह यह टूट नहीं गया।
17 दिसंबर, 1903 को पहली बार पूर्ण नियंत्रित मानव हवाई उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले ओरविल और विल्बुर राइट साइकिल की संरचना को ध्यान में रखकर अलग-अलग कल पुर्जा जोड़कर हवाई जहाज का विकास करते रहे। उन्होंने कई बार हवा में उड़ने वाले ग्लाइडर बनाए और अंत में जाकर हवाई जहाज बनाने का उनका सपना सच हुआ। दोनों को मशीनी तकनीक की काफी अच्छी समझ थी जिससे उन्हें हेलीकॉप्टर के निर्माण में मदद मिली। यह कौशल उन्होंने प्रिंटिंग प्रेसों, साइकिलों, मोटरों और दूसरी मशीनों पर लगातार काम करते हुए पाया था। दोनों ने 1900 से 1903 तक लगातार ग्लाइडरों के साथ परीक्षण किया था।
राइट बंधुओं को अपने सपनों को साकार करने में उनके परिवार से भी पूरी मदद मिली। लेखिका पामेला डंकन एडवर्ड्स ने अपनी किताब 'द राइट ब्रदर्स' में लिखा है कि विल्बुर ने कहा कि हम खुशकिस्मत थे कि हमारा पालन पोषण ऐसे वातावरण में हुआ जहां बच्चों को उनकी बौद्धिक रुचियों और उत्सुकताओं की दिशा में काम करने की आजादी मिली हुई थी। राइट बंधुओं की बात करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में भौतिकशास्त्र के प्रोफेसर अगम कुमार झा ने कहा कि राइट बंधुओं ने हवाई जहाज के निर्माण में वर्षो मेहनत की थी। वर्तमान में यातायात को सुगम बनाने वाला हवाई जहाज जैसा यंत्र उनकी वर्षो की कड़ी मेहनत का परिणाम है। हवाई जहाज के निर्माण में उन्होंने फ्लूड डायनामिक्स के सिद्धातों का प्रयोग किया था।
झा ने कहा कि राइट बंधुओं की कोशिश थी कि किस तरह इस यंत्र को गुरूत्वाकर्षण बल द्वारा नीचे खींचे जाने से बचाया जाए। इसके लिए उन्होंने बार-बार प्रयोग किए। हवाई जहाज का वजन बार बार कम किया ताकि हवा इसे खींच ना ले जाए। उन्होंने इसके उड़ने की दिशा सही और संतुलित करने के लिए थ्री एक्सिस कंट्रोल थ्योरी का प्रयोग किया और अंत में सफल रहे। उन्होंने कहा कि राइट बंधुओं के अविष्कार को लेकर विवाद भी हुए थे, फ्रांस की एक कंपनी ने भी इस तरह का आविष्कार करने का दावा किया लेकिन 1908 में पूरी दुनिया ने राइट बंधुओं के आविष्कार को मान्यता दे दी।
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