Move to Jagran APP

पाक के पूर्व गृह मंत्री मलिक ने हेडली की गवाही को बताया झूठ का पुलिंदा

पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने 2008 मुंबई हमलों के मामले में डेविड हेडली की गवाही को झूठ का पुलिंदा बताया है।

By anand rajEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 04:15 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 04:30 PM (IST)
पाक के पूर्व गृह मंत्री मलिक ने हेडली की गवाही को बताया झूठ का पुलिंदा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने 2008 मुंबई हमलों के मामले में डेविड हेडली की गवाही को झूठ का पुलिंदा बताया है। मलिक ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी के गढ़े हुए इकबालिया बयान से पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

loksabha election banner

ये भी पढ़ेंः पाकिस्तान को 860 मिलियन डॉलर की मदद देगा अमेरिका
हेडली ने अमेरिका में किसी गुप्त स्थान से वीडियो लिंक के जरिये अपनी गवाही के दूसरे दिन मंगलवार को दावा किया था कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 26/11 हमलों को अंजाम देने से भी करीब एक साल पहले ताज महल होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों की एक बैठक पर हमला करने की साजिश रची थी।
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने बताया कि मलिक ने भारत पर हेडली के गढ़े हुए इकबालिया बयानों के जरिये पाकिस्तान को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। गौरतलब है कि जब मुंबई पर हमले हुए थे, उस समय मलिक पाकिस्तान के गृह मंत्री थे।

ये भी पढ़ेंः हेडली का कबूलनामा, मुंबई से पहले निशाने पर थे दिल्ली और बेंगलुरु
इंटीरियर एंड नारकोटिक्स कंट्रोल मामलों में सीनेट की स्थाई समिति के प्रमुख मलिक ने कहा कि हेडली के इकबालिया बयान झूठ का पुलिंदा और मनगढ़ंत बयान हैं।
पीपीपी के पूर्व सांसद ने पाकिस्तान पर लगाए गए नापाक इरादे रखने के भारत के सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि भारतीय खुफिया एजेंसी ने मुंबई हमलों को अंजाम देने और फिर हेडली से अपने मनमाफिक बयान प्राप्त करने के लिए हेडली का इस्तेमाल किया।

ये भी पढ़ेंः लश्कर को आईएसआई से मिलती है वित्तीय मददः उज्जवल निकम
मलिक ने कहा कि हमारे पास इस बात की जानकारी है कि टिकटों के लिए भुगतान किसने किया, किसने उसे आर्थिक मदद दी और किस प्रकार उसने हमले के लिए पाकिस्तान में राज्येत्तर तत्वों को भर्ती किया।
शिकागो की एक अदालत ने 55 साल के हेडली को नवंबर में 2008 में हुए मुंबई हमलों में भूमिका के मामले में वर्ष 2013 में 35 वर्ष कारावास की सजा दी थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.