इक्वाडोर दूतावास से बेदखल होने से बचे असांजे
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को वामपंथी लेनिन मोरेनो की जीत से राहत मिली है। असांजे ने 19 जून 2012 से दूतावास में शरण ले रखी है।
क्विटो (एपी)। इक्वाडोर के राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी वामपंथी पार्टी के उम्मीदवार लेनिन मोरेनो की जीत से विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को बड़ी राहत मिली है। विपक्षी प्रत्याशी गुइलेर्मो लासो ने कहा था कि वह पद संभालने के 30 दिन के अंदर ही असांजे को लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास से बेदखल कर देंगे। उन्होंने 19 जून, 2012 से दूतावास में शरण ले रखी है।
राष्ट्रीय चुनाव परिषद ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदान हुआ था। अब तक 94 फीसद मतों की गिनती हो गई है। मोरेनो ने 51 फीसद मतों के साथ लासो को हरा दिया है। हालांकि चुनाव पूर्व हुए तीन एक्जिट पोल में आगे रहने वाले लासो ने अभी तक हार नहीं मानी है। उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी होने का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती की मांग की है।
लासो ने ट्वीट किया, 'हम और इक्वाडोर के लोग बेवकूफ नहीं हैं।' इसके बाद लासो के हजारों समर्थक राजधानी क्विटो में चुनाव परिषद के मुख्यालय के बाहर जमा हो गए और धोखाधड़ी के नारे लगाने लगे। इस पर पुलिस को दखल देनी पड़ी। दूसरी तरफ मोरेनो के समर्थक जीत का जश्न मनाने लगे।
मोरनो की जीत से यह उम्मीद की जा रही है कि वह मौजूदा राष्ट्रपति राफील कोरिया की नीतियों को जारी रखेंगे। अमेरिका के गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने वाले असांजे को राफील के कार्यकाल में ही दूतावास में शरण दी गई थी।
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