आसियान में पीएम मोदी बोले, भारत बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान में शामिल देशों से सभी को साथ लेकर चलने और सभी के बीच सामंजस्य बनाने का आहवान किया है। 13वें भारत-आसियान में दिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वह भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान में शामिल देशों से सभी को साथ लेकर चलने और सभी के बीच सामंजस्य बनाने का आहवान किया है। उन्होंने कहा कि आसियान आंतरिक और बाहरी दोनों ही तरह से बड़ा निवेशक है लिहाजा यह बहुत बड़ी ताकत है, लेकिन इसकी क्षमता को अभी और निखारने की जरूरत है। 13वें भारत-आसियान में दिए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वह भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
पीएम का कहना था कि हम सब ऐसे वक्त में मिल रहे हैं जब विश्व बड़ी चुनौतियों से गुजर रहा है। इसमें भारत और आसियान एक चमकते तारे की तरह हैं जिसकी ओर पूरे विश्व की नजर है। उन्होंने इसी वर्ष भारत में आयोजित पहले आसियान-भारत साइबर सिक्योरिटी कांफ्रेंस का जिक्र करते हुए कहा कि इस दिशा में सभी का काफी सहयोग मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि यदि कोई देश विकास की राह पर अग्रसर होगा तो वहां की अर्थव्यवस्था और निवेश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से लोगों की भलाई के लिए काम करने में विश्वास रखता आया है।
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मोदी का कहना था कि उनका मकसद भारत को नई ऊचांइयों पर ले जाना है। इसके लिए बदलाव केवल एक शुरुआती प्रक्रिया का एक हिस्सा है। यही वजह है कि जहां एक ओर विश्व की अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ी वहीं भारत में अर्थव्यवस्था लगातार बेहतर होती चली गई। उन्होंने कहा कि भारत में नई सरकार आने के बाद से ही न सिर्फ देश का नई सरकार पर विश्वास बढ़ा है बल्कि विश्व ने भी उनके ऊपर विश्वास किया है।
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प्रधानमंत्री कल वहां पर भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित करेंगे। अपने तीन दिवसीय दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आसियान-इंडिया और ईस्ट एशिया सम्मेलन में शिरकत करने के अलावा मलेशिया के अपने समकक्ष नजीब रज्जाक से बात करेंगे।पढ़ें: बामको में हमले के बाद माली में दस दिन का आपातकाल लागू, अल मुराबितो ने ली जिम्मेदारी
इस बैठक में आसियान के 10 सदस्य देशों के अलावा भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया भी हिस्सा ले रहे हैं। गौरतलब है कि आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी क्षेत्र है जबकि भारत आसियान के लिए छठा सबसे बड़ा कारोबारी देश हैं। पिछले वर्ष भारत और आसियान के बीच 76.52 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। आसियान और भारत के बीच पिछले वर्ष मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद इसमें काफी तेजी से बढ़ोतरी के आसार हैं।