मसूद अजहर को बचाकर आतंकियों पर कार्रवाई चाहता है चीन
हेताओ ने सीमा पार आतंकवाद को दुनिया की सुरक्षा और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। रिपोर्ट में वैश्विक आतंकियों की पहचान भी बताई गई है।

बीजिंग, प्रेट्र। पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को बचाने वाले चीन ने वैश्विक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी की है। सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मजबूत प्रतिक्रिया की जरूरत बताई है। न्यूयॉर्क में बुधवार को आतंकरोधी बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में चीन के स्थायी उप प्रतिनिधि वू हेताओ ने यह बात कही।
शिन्हुआ के अनुसार हेताओ ने सीमा पार आतंकवाद को दुनिया की सुरक्षा और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। रिपोर्ट में वैश्विक आतंकियों की पहचान भी बताई गई है। ये वे लोग हैं जो आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए उस देश से जहां के वे नागरिक हैं से दूसरे देश की यात्रा करते हैं।
उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए यूएन और संबंधित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को जल्द से जल्द आतंकरोधी डाटा बेस की स्थापना करनी चाहिए। इससे प्रभावशाली तरीके से खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में मदद मिलेगी। साथ ही सीमा सुरक्षा मजबूत करने, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग और आतंकी संगठन के वित्तीय स्रोतों पर पर शिकंजा कसने की भी बात कही।
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गौरतलब है कि भारत सीमा पार आतंकवाद के मामले को लगातार उठाता रहता है। लेकिन, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्रि्वक आतंकी घोषित करवाने की उसकी कोशिशों पर चीन ही यूएन में अड़ंगा लगाता रहा है।
सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के कारण चीन को वीटो का अधिकार है। इसी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उसने मार्च में अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी, जबकि परिषद के अन्य सदस्य इसके पक्ष में थे। सोमवार को इस वीटो की मियाद खत्म होने से पहले ही उसने फिर से इस प्रस्ताव के खिलाफ तकनीकी रोक की मियाद छह महीने के लिए बढ़वा दी।

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