ब्रम्हपुत्र की सहायक नदी पर बांध बना रहा है चीन, कहा- भारत पर नही होगा असर
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी शियाबुकु को स्थानीय लोग यारलुंग जंगबू के नाम से जानते हैं। इस सहायक नदी पर चीन लालहो बांध परियोजना शुरू कर रहा है।

बीजिंग, प्रेट्र । चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने के लिए उसकी एक सहायक नदी का बहाव रोकने के अपने फैसले को जायज ठहराने की कोशिश की है। चीन का कहना है कि भारत के निचले इलाकों में इसका कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी शियाबुकु को स्थानीय लोग यारलुंग जंगबू के नाम से जानते हैं। इस सहायक नदी पर चीन लालहो बांध परियोजना शुरू कर रहा है। लिहाजा, चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि ब्रह्मपुत्र की यह सहायक नदी पूरी तरह से चीन के इलाके में आती है। भारत की चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी शियाबुकु के सालाना औसत बहाव का मात्र 0.02 फीसद पानी ही इस बांध में संचित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ब्रह्मपुत्र तिब्बत के अलावा भारत के राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम में बहते हुए बाद में बांग्लादेश चली जाती है। इस बांध परियोजना में विशेषकर तिब्बत में चीन ने 74 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
पढ़ें- चीन में संकट, भारत आ रहीं कंपनियां
भारत और चीन से होकर गुजरने वाली नदियों पर विशेषज्ञ स्तर की प्रणाली (ईएलएम) में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि लंबे समय से दोनों देशों में बहने वाली नदियों पर भारत-चीन के बीच अच्छा सहयोग चला आ रहा है। साथ ही यह बांध परियोजना तिब्बत के लोगों की आजीविका से जुड़ी हुई है। चीन की दलील है कि यह परियोजना तिब्बत के लोगों की खाद्य सुरक्षा और उन्हें बाढ़ से बचाने के लिए जरूरी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।