Move to Jagran APP

विद्रोहियों से पूरा सीरिया वापस लेकर रहेंगे, भले ही कितना ही नुकसान हो: असद

सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने एक इंटरव्यू के दौरान यह साफ कर दिया है कि वह विद्रोहियों से पूरे सीरिया को फिर से हासिल करके ही रहेंगे। उन्होंने यहां तक कहा है कि भविष्य में होने वाली इस लड़ाई में काफी नुकसान भी होगा और इसमें समय भी अधिक

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 11:02 AM (IST)

दमिश्क। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने साफ कर दिया है कि वह विद्रोहियों से पूरे सीरिया को फिर से हासिल करके ही रहेंगे। उन्होंने यहां तक कहा है कि भविष्य में होने वाली इस लड़ाई में काफी नुकसान भी होगा। यह बात उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कही है। उनका यह बयान सीजफायर या शांति के प्रस्ताव के कुछ समय बाद ही आया है।

loksabha election banner

अपने इस इंटरव्यू में उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि शांति प्रस्ताव का अर्थ यह भी नहीं है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई बंद कर देंगे। उन्होंने इस बात का खतरा भी जताया है कि सऊदी अरब और तुर्की सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप करेंगे, जो सीरियाई विद्रोहियों की मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भले ही पूरे सीरिया को विद्रोहियों से छुड़ाने में समय लगे लेकिन वह ऐसा करके ही रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विद्रोहियों को हराने में स्थानीय ताक़तों के कारण कुछ देर लग सकती है। असद के इस बयान को काफी अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि दुनिया की महाशक्तियों ने एक हफ़्ते में लड़ाई बंद करने पर सहमति जताई है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने उम्मीद जताई है कि वह अगले 24 घंटे में सीरिया के सबसे संकट वाले इलाक़ों में सहायता देना शुरू कर देगा।

इस इंटरव्यू में उन्होंने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की ओर से उनकी सरकार पर लगाए गए युद्ध अपराधों के आरोपों से इनकार किया है। असद ने कहा कि वह इस संकट की शुरुआत से ही बातचीत और राजनीतिक हल निकालने में यक़ीन रखते रहे हैं।

हवाई हमलों ने रोकी सीरिया में शांति की राह

गौरतलब है कि पिछले पांच वर्षों से सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है। अब तक विद्रोहियों और सरकार की सेना के बीच हुई इस लड़ाई में करीब ढाई लाख लोग मारे गए हैं और 1.1 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं। इसके अलावा हजारों की संख्या में बच्चों की भी मौत इसमें हुई है। संघर्ष के कारण देश के कुछ शहरों में पिछले एक साल से मानवीय मदद नहीं पहुँच सकी है। यूएन के मुताबिक देश के 1.35 करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत है।

पढ़ें: सीरिया में हफ्तेभर में बन सकती है संघर्ष विराम की स्थिति : जॉन केरी

स्नोडेन से ज्यादा कठिन है असद को शरण देना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.