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    निकाय चुनाव में खूब लड़े भाजपा के बागी, बिगाड़ा पार्टी प्रत्याशी का समीकरण- फंस सकती हैं कई सीटें

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sun, 07 May 2023 12:37 PM (IST)

    नगर निकाय चुनाव में गोरखपुर सहित पूरे यूपी में भाजपा के बागियों पर मान- मन्नौवल और निष्कासन का कोई असर नहीं हुआ। बागियों ने खुलकर भाजपा को टक्कर दिया। गोरखपुर नगर निगम के एक दर्जन वार्डों में बागियों ने पार्टी को कड़ी टक्कर दी।

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    बागियों ने दी भाजपा को कड़ी टक्कर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, डॉ. राकेश राय। पहले मान-मनौव्वल फिर निष्कासन की कार्रवाई, इस निकाय चुनाव में कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों के काम नहीं आई। तमाम प्रयास के बाद भी नगर निगम के वार्डों से लेकर नगर पंचायतों तक में भाजपा के बागी खूब लड़े। कई स्थानों पर तो उन्होंने पार्टी का समीकरण ही बिगाड़ दिया। मतदान के बाद मिले रुझान के मुताबिक इन बागियों की वजह से नगर पंचायतों से लेकर नगर निगम के वार्डों तक में भाजपा की कई सीटें फंस सकती है। ये बागी कहीं भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ खुद लड़ाई में दिख रहे हैं तो कहीं उन्होंने वोट काटकर पार्टी प्रत्याशी के हार की नींव तैयार कर दी है।

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    बागियों ने पार्टी प्रत्याशियों से किया कड़ा मुकाबला

    नगर निगम की बात करें तो 10 से अधिक वार्डों में बागी होकर मैदान में उतरे भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रत्याशियों से कड़ा मुकाबला किया है। अशोक नगर में निवर्तमान पार्षद राजेश तिवारी की पत्नी सुमन तिवारी और धर्मशाला बाजार में खुद निवर्तमान पार्षद छट्ठी लाल गुप्ता ने निर्दल प्रत्याशी के तौर पर मजबूत लड़ाई लड़ी है। शक्तिनगर, सैनिक विहार, रानीडीहा, गायघाट, साहबगंज, नकहा और सिविल लाइंस द्वितीय वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों को बागियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ा। इनमें से आधा दर्जन से अधिक वार्डों में तो भाजपा प्रत्याशी सीधे बागियों से हारते नजर आ रहे हैं, बाकी में यह बागी उनकी हार की वजह बनते दिख रहे।

    नगर पंचायतों में भी पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ जमकर किया मुकाबला

    नगर पंचायतों की बात करें तो सहजनवां, पीपीगंज और गोला में निवर्तमान नगर नगर पंचायत अध्यक्षों ने भाजपा से टिकट न मिलने के चलते बागी होकर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ जमकर मुकाबला किया है। सहजनवां से बागी के तौर पर सुमन सिंह और पीपीगंज से गंगा प्रसाद जायसवाल निर्दल प्रत्याशी के रूप में खूब लड़े हैं। गोला में टिकट न मिलने से नाराज होकर निवर्तमान अध्यक्ष लालती देवी ने बसपा का प्रत्याशी बन भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी है। इन तीनों सीटों पर जीत को लेकर पार्टी प्रत्याशियों के साथ-साथ पदाधिकारियों की भी सांस अटकी हुई है। उनवल नगर पंचायत की स्थिति भाजपा की दृष्टि से और खराब है, यहां के भाजपा प्रत्याशी को तीन बागियों से मुकाबला करना पड़ा है। घघसरा बाजार में पहली बार नगर पंचायत चुनाव हुआ है लेकिन वहां के भाजपा प्रत्याशी को भी पार्टी बागी से कड़ी टक्कर लेनी पड़ी है। अन्य नगर पंचायतों में भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में बागियों का विरोध भाजपा प्रत्याशी को झेलना पड़ा है।

    चुनाव के ठीक पहले हुआ 21 बागियों का निष्कासन

    टिकट की घोषणा के बाद जब बड़ी संख्या में भाजपा में बागियों का स्वर मुखर होने लगा तो पार्टी ने उनकी तरह-तरह से मान-मनौव्वल की। बड़ी संख्या में बागियों को शांत करने में सफलता भी मिली पर दर्जन भर से अधिक बागी उसके बाद भी जब नहीं माने तो पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले उनके निष्कासन की कार्रवाई कर दी। निष्कासन के जद में नगर से लेकर नगर पंचायत तक के 21 बागी आए। इनमें नगर पंचायत सहजनवां की निवर्तमान अध्यक्ष सुमन सिंह और निगम के अशोक नगर वार्ड के निवर्तमान पार्षद राजेश तिवारी व धर्मशाला बाजार के निवर्तमान पार्षद छट्ठी लाल गुप्ता शामिल रहे। निष्कासित होने वाले बागियों में वह कार्यकर्ता भी शामिल रहे, जो बागी प्रत्याशियों की खुलकर मदद कर रहे थे।