कोडरमा के बैंकों में जमा 32.13 करोड़ रुपये किसके? कोई नहीं कर रहा दावा
कोडरमा के 12 बैंकों में 32.13 करोड़ रुपये जमा हैं जिनका कोई दावा नहीं कर रहा है। यह राशि लावारिस पड़ी है और किसी भी खाताधारक ने इस पर अपना अधिकार नहीं ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। शिव वाटिका में शुक्रवार को आपकी पूंजी आपका अधिकार राष्ट्रीय अभियान के तहत विशाल जागरूकता एवं सेवा शिविर लगाया गया। वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के इस प्रयास ने नागरिकों को उनकी अदावाकृत (अनक्लेम्ड) संपत्ति से दोबारा जोड़ने की दिशा में नई उम्मीद जगाई। पूरे परिसर में समाधान, उत्साह और जागरूकता का वातावरण रहा। लोग आत्मविश्वास के साथ अपने वित्तीय अधिकारों की जानकारी लेने पहुंचे।
बता दें कि कोडरमा जिले के 12 बैंकों में 97,928 अनक्लेम्ड खाते हैंजिनमें 32.13 करोड़ रुपये (31 अगस्त 2025 तक) जमा है। 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2025 तक चल रही अदावाकृत संपत्ति निपटान प्रक्रिया के अंतर्गत कोडरमा जिले में अब तक 2.75 करोड़ रुपये का निपटान हो चुका है।
शिविर में दो सौ से अधिक लोग पहुंचे, जिन्होंने अपनी अनक्लेम्ड राशि की स्थिति जानी। कई लोगों के दावे वहीं पर निपटाए गए और उन्हें तुरंत प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। जिले के प्रमुख बैंकों द्वारा लगाए गए स्टालों पर नागरिकों को उनकी अदावाकृत जमा राशि, दावा प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज और खाता स्थिति से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गई।
शिविर में बड़ी संख्या में नए दावे भी दर्ज किए गए। भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने कहा कि यह अभियान नागरिकों को उनके वित्तीय अधिकारों से जोड़ने का प्रभावी माध्यम है और इसके व्यापक प्रचार की आवश्यकता है।
विधायक डॉ. नीरा यादव ने इसे अभूतपूर्व पहल बताते हुए कहा कि यह प्रक्रिया सरकारी विभागों और आम नागरिकों की अदावाकृत राशि को पारदर्शिता और तेजी से लौटाने में मदद करेगी।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के उप महाप्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि झारखंड में बड़ी मात्रा में राशि वर्षों से बिना दावे के पड़ी हुई है और जागरूकता ही इस समस्या का समाधान है। बैंक ऑफ इंडिया हजारीबाग के उप आंचलिक प्रबंधक लक्ष्मी नारायण डागरा ने बताया कि केवल उनके अंचल में ही 2,32,851 अदावाकृत खाते हैं, जिनमें 71.71 करोड़ रुपये जमा हैं।
इनमें सरकारी विभागों के 827 खाते भी शामिल हैं। अब तक 463 खातों में लगभग तीन करोड़ रुपये का निपटान किया जा चुका है। कार्यक्रम में एसबीआइ क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष सिन्हा, स्टार यूनियन दाईईची के अंचल प्रबंधक, राजेश रंजन कुमार, पीएनबी मुख्य प्रबंधक सुदेश कुमार सोनू, केंद्रीय बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक विवेक पांडेय, बैंक आफ बड़ौदा के उप क्षेत्रीय प्रबंधक स्वप्निल श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
उद्गम पोर्टल का उपयोग कर अपनी रकम पर करें दावा
अग्रणी जिला प्रबंधक विमलकांत झा ने बताया कि शिविर में नागरिकों को जमा सुरक्षा तंत्र, डीईएएफ प्रक्रिया, निष्क्रिय खाते सक्रिय करने के नियम और अदावाकृत संपत्ति खोजने की पद्धति पर भी जानकारी दी गई। एसबीआइ के मनीष ने सरकारी विभागों के अदावाकृत खातों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की आवश्यकता बताई और आम लोगों से उद्गम पोर्टल का उपयोग कर अपना दावा जल्द पूरा करने की अपील की।

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