बात करने से भी घटता है वजन, कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को कितनी कैलोरी की है जरूरत, जानें यहां
भूख से कम भोजन सप्ताह में एक या दो दिन व्रत रहने व 40 मिनट से एक घंटे का व्यायाम शरीर में ऊर्जा यानी कैलोरी का संतुलन बनाए रखता है। बैठकर काम करने वाले सामान्य व्यक्ति को एक दिन में 1500 से दो हजार किलो कैलोरी की जरूरत होती है।

जागरण संवाददाता, पटना। अधिकतर गंभीर रोगों का कारण मोटापे की समस्या है। हर व्यक्ति की ऊंचाई, वेस्ट-हिप अनुपात, के साथ मोटापे का आकलन किया जाता है। मोटापे की श्रेणी, व्यक्ति के पेशे व खानपान के अनुसार आहार व व्यायाम से वजन को कम किया जा सकता है।
मोटे लोग भूख से कम भोजन करें
दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डाक्टर में आइजीआइएमएस के योग एवं फिजियोथेरेपी विभाग के प्रोफेसर डा. रत्नेश कुमार चौधरी ने सुधि पाठकों के सवालों के जवाब में कहा कि भूख से कम भोजन, सप्ताह में एक या दो दिन व्रत व 40 मिनट से एक घंटे का व्यायाम शरीर में ऊर्जा यानी कैलोरी का संतुलन बनाए रखता है।
दूध-चीनी वाली एक कप चाय कम करने से फायदा
बैठकर काम करने वाले सामान्य व्यक्ति को एक दिन में 1500 से दो हजार किलो कैलोरी की जरूरत होती है।
यदि व्यक्ति पांच रोटी खाता है और वजन कम करने को उसे घटाकर तीन कर देता है तो करीब 300 किलो कैलोरी की कमी हो जाती है। वहीं दूध-चीनी वाली एक कप चाय कम करने से 200 से 250 किलो कैलोरी कम की जा सकती है।
पत्तेदार सब्जी का सेवन बढ़ाने से कैलोरी की खपत कम
आलू भुजिया की बजाय हरी व पत्तेदार सब्जी का सेवन बढ़ाने से कैलोरी की खपत कम की जा सकती है। 100 ग्राम नेनुआ या पत्तेदार सब्जी से 40 से 10 किलो कैलोरी मिलती है जबकि आलू की भुजिया से 400 से 450 किलो कैलोरी। 100 ग्राम भूजा से 200 से 250 कैलोरी, दाल-चावल व सब्जी से 800 से हजार किलो कैलोरी, चार रोटी व दूध से हजार किलो कैलोरी ऊर्जा मिलती है।
एक घंटे बात करने से 150 किलो कैलोरी होती कम
वहीं एक घंटे बात करने पर करीब 150 व टहलने से 300 किलो कैलोरी ऊर्जा खर्च होती है। सात दिन में 3500 किलो कैलोरी कम लेने पर आधा किलोग्राम वजन कम होता है।
-मोटापे का कारण व बचाव के उपाय बताएं?
आनुवंशिक, थायराइड जैसे कुछ रोगों, स्टेरायड युक्त दवाओं व कभी भी कुछ भी खाने की आदत से वजन बढ़ता है। शारीरिक श्रम से ज्यादा कैलोरी का भोजन लेने पर वजन तेजी से बढ़ता है। यदि आप सप्ताह में हर दिन जरूरत से पांच सौ किलो कैलोरी ज्यादा लेते हैं तो आपका वजन आधा किलोग्राम बढ़ जाएगा।
इसके लिए सामान्य भोजन को कम कर खीरा-ककड़ी, हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाना होगा, पिज्जा से 500 किलो से अधिक कैलोरी देने वाली खाद्य सामग्रियों से परहेज करने के साथ व्यायाम यानी शारीरिक श्रम बढ़ाना होगा। यदि इस बीच कमजोरी का अहसास हो तो बीकोसुल, कैल्शियम आदि सप्लीमेंट ले सकते हैं। खाना कम करने के लिए पहले सुबह से रात के भोजन की मात्रा लिखें और तब उसे आधा करें।
- वजन कम करने की हर्बल दवाएं कितनी प्रभावी?
हर्बल दवाएं वजन कम करने में कितनी उपयोगी हैं, इसका कोई शोधपरक साक्ष्य नहीं है। यह कुछ ऐसा ही है जैसा खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू व शहद मिलाकर पीना। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में वजन कम करने की कोई सटीक दवा नहीं है। कुछ डाक्टर पेशाब व पसीना बढ़ाने वाली डाइयूरेटिक दवा देते हैं लेकिन इनका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करने की सलाह दी जाती है। ओवर द काउंटर खुद से वजन कम करने की दवा का प्रयोग नहीं करें।
- वजन नियंत्रित करने के लिए क्या करें?
अपने कार्यों के अनुसार शरीर को प्रतिदिन कितनी कैलोरी की जरूरत है, उसका आकलन कराएं। इसके बाद प्रतिदिन के सामान्य भोजन से कितने किलो कैलोरी मिल रही है, उसका आकलन कर उसमें संतुलन का प्रयास करें। इसके लिए सप्ताह में एक दिन व्रत कर सकते हैं। व्रत के दिन खीरा-ककड़ी खाएं व रात में साबूदाना लें। इसके साथ पानी खूब पीएं, नियमित योग व पेट वाले व्यायाम करें। कितनी कैलोरी खाई व कितनी खर्च की इसका हमेशा ध्यान रखें। थायराइड की एक बार जांच करा लें। वजन कम करने के क्रम में बीपी, शुगर आदि की जांच कराते रहें।
- वजन बढ़ने से घुटने में दर्द रहता है?
आपकी ऊंचाई से वजन 15 किलोग्राम अधिक है। वजन कम होने से दर्द में भी कमी आएगी। पेट की माप व हिप टू वेस्ट अनुपात से मोटापे की श्रेणी ज्ञात की जा सकती है। उसके अनुसार फिजियोथेरेपी, व्यायाम, आसन से वजन कम होने के साथ स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
योग व व्यायाम, मोटापे का संपूर्ण समाधान
योग, शरीर को लचीला बनाने के साथ मोटापे के एक कारण तनाव को भी कम करता है। वहीं व्यायाम शारीरिक रूप से कैलोरी को घटाता है। दोनों मिलकर मोटापे पर प्रभावी नियंत्रण करते हैं। इसके साथ संतुलित आहार व नींद भी जरूरी है।
वजन कम करने के लिए उत्तान पादासन, विपरती कर्णीमुद्रा, उदर श्वसन, नौकासन, पूर्ण नौकासन, मण्डूकासन, त्रिकोणासन, द्विकोणासन, लुढ़कासन व यदि बीपी-शुगर हृदय रोग न हो तो कपालभांति करना चाहिए। योग की शुरुआत आसान उत्तान पादासन, पश्चिम उत्तसान से करनी चाहिए।
इसके अलावा वसा कम करने के लिए पवन मुक्तासन के 16 आसन, पेट कम करने के लिए यूनिलैटरल, बाइलैटरल एसएलआर, नी टू चेस्ट व्यायाम उपयोगी है। दौड़ना, साइकलिंग, तैराकी, डांस व मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम भी लाभदायी हैं।
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