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    गायक अमृत मान के पिता पर फेक सर्टिफिकेट पर सरकारी नौकरी करने का आरोप, 21 जून तक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश

    By Nidhi VinodiyaEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Fri, 09 Jun 2023 07:58 PM (IST)

    जाली एससी प्रमाण पत्र बनाकर पंजाब के शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी हासिल कर 34 साल से अधिक समय तक नौकरी करने के एक मामले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ...और पढ़ें

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    गायक अमृत मान के पिता पर फेक सर्टिफिकेट पर सरकारी नौकरी करने का आरोप

    चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो : जाली एससी प्रमाण पत्र बनाकर पंजाब के शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी हासिल कर 34 साल से अधिक समय तक नौकरी करने के एक मामले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने कड़ा संज्ञान लिया है।

    आयोग के चेयरमैन विजय सांपला के आदेश पर पंजाब सरकार को एक नोटिस जारी कर 15 दिनों में एक एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सरकारी नौकरी पाने के लिए झूठा एससी सर्टिफिकेट बनवाने वाले सर्बजीत सिंह के बारे में एनसीएससी को खबरों के माध्यम से सूचना मिली है।

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    जमा किया था नकली एससी का सर्टीफिकेट

    खबरों के मुताबिक सरबजीत सिंह मशहूर पंजाबी सिंगर अमृत मान के पिता हैं। आयोग को प्राप्त जानकारी के अनुसार, ‘फरीदकोट जिले के तहसील कोटकपूरा इलाके के गांव खारा के निवासी सरबजीत सिंह ने वर्ष 1989 में एक गणित शिक्षक की अनुसूचित जाति की आरक्षित नौकरी पाने के लिए एक नकली अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जमा किया था, जिसको कि राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी।

    34 साल के अधिक समय तक की नौकरी 

    उस दौरान पंजाब के स्कूलों में 252 शिक्षण पद जिनमें से 25 फीसदी सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी। राज्य के एक सेवानिवृत्त अधिकारी, अवतार सिंह सहोता ने पंजाब के मुख्यमंत्री को एक शिकायत सौंपी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरबजीत सिंह ने झूठे एससी प्रमाण पत्र का उपयोग करके 34 साल से अधिक समय तक नौकरी की है।

    21 जून तक रिपोर्ट जमा करने को कहा

    आयोग ने पंजाब सरकार के प्रमुख सचिव (स्कूली शिक्षा विभाग) और प्रमुख सचिव (सामाजिक, न्याय और अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग) के मामले की जांच करने और आरोप / मामले पर की गई कार्रवाई के तथ्यों के आधार पर 21 जून तक एक्शन टेकन रिपोर्ट डाक या ईमेल के माध्यम से जमा करने को कहा है।

    सांपला ने अधिकारियों को चेताया कि यदि कार्रवाई की गई रिपोर्ट निर्धारित समय के भीतर प्राप्त नहीं होती है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत उसे दी गई दीवानी अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और दिल्ली में आयोग के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए समन जारी कर सकता है।