Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिवपूजन सहाय ने दधीचि बनकर की हिंदी की सेवा

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:54 AM (IST)

    बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन के सभागार में बुधवार को त्रैमासिक पत्रिका का लोकार्पण

    शिवपूजन सहाय ने दधीचि बनकर की हिंदी की सेवा

    पटना। बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन के सभागार में बुधवार को त्रैमासिक पत्रिका और आचार्य शिवपूजन सहाय स्मृति विशेषांक 'साहित्य यात्रा' का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर बिहार हिदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि आचार्य शिवपूजन सहाय ने दधीचि की भाति हिंदी के लिए अपनी अस्थिया ही नहीं मेद और मज्जा का भी दान कर दिया। वे संपादन-कला के अप्रतिम आदर्श थे। डॉ. अनिल सुलभ ने पत्रिका के संपादक डॉ. कलानाथ मिश्र को सम्मेलन की ओर से आचार्य नलिन विलोचन शर्मा स्मृति सम्मान से विभूषित किया। डॉ. कलानाथ मिश्र ने कहा कि आज तकनीकी विकास के कारण प्रकाशन कार्य सरल हो गया है, किंतु रचनाओं का स्तर गिरा है। सम्मेलन के उपाध्यक्ष डॉ. शकर प्रसाद ने कहा कि यों तो साहित्य यात्रा का प्रत्येक अंक संग्रहणीय रहा है, किंतु पत्रिका का नया अंक और भी मूल्यवान इसलिए हो गया है कि यह हिंदी के महान साहित्यकार आचार्य शिव पूजन सहाय को समíपत है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्यक्रम के दौरान इन्होंने भी रखे विचार : इस मौके पर साहित्यसेवी डॉ. ध्रुव कुमार, कुमार अनुपम, कवि राज कुमार प्रेमी, डॉ. अर्चना त्रिपाठी, डॉ. ओम प्रकाश जमुआर, डॉ. विनय कुमार विष्णुपुरी, चंदा मिश्र, पत्रिका के सहायक संपादक अमित कुमार मिश्र, जनार्दन पाटिल, डॉ. नागेश्वर प्रसाद यादव, रामाशीष ठाकुर, डॉ. अंजू कुमारी, राजेश दयाल, नरेंद्र कुमार झा, अजय कुमार सिंह, डॉ. कृष्ण अनुराग, डॉ. आशा कुमारी, अमित कुमार सिंह, प्रणव समाजदार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन योगेंद्र प्रसाद मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण रंजन सिंह ने किया।