सरकारी दवाओं में घट रहा विश्वास
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बड़ोखरखुर्द : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से बाँटी जा रही दवाएँ किस स्तर की हैं, यह तो फिलहाल जाँच का विषय है। असलियत के बारे में लोगों की जुबानी यही कहती हैं कि सरकारी दवाओं का असर भी मर्ज में कुछ कम ही होता है। जिसके चलते कई बार मरीज अब खुद जल्दी स्वस्थ होने के लिये चिकित्सक से बाहर की दवायें लिखने की बात कहते हैं। ऐसा देखकर यही लगता है कि मरीजों का विश्वास सरकारी अस्पतालों की दवाओं से हटता जा रहा है। क्षेत्र के जौरही, छनेहरा, अरबई, चिल्ली आदि के मरीज गाहे-बगाहे जब स्वास्थ्य केंद्र से अपने मर्ज की दवा लेते हैं तो उनका स्वास्थ्य जल्द ठीक नहीं होता इससे वह मुख्यालय की ओर रूख कर यही कहते हैं कि अब सरकारी अस्पतालों की दवाओं में वह बात नहीं रही।
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