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    पटना में राजकुमार राव और वामिका गब्बी ने पकड़ लिए कान, फिल्मों में भविष्य देख रहे कलाकारों को दी टिप्स

    Updated: Wed, 21 May 2025 07:35 PM (IST)

    हाल ही में पुष्पा 2 का प्रमोशन करने अल्लू अर्जुन रश्मिका मंधाना के साथ पटना आए थे। बुधवार को वामिका गब्बी और राजकुमार राव राजधानी पहुंचे। दोनों ने 23 मई को रिलीज हो रही फिल्म भूल चूक माफ का प्रमोशन किया। पटना की थोड़ी यात्रा कर दोनों ने लिट्टी-चोखे का भी स्वाद लिया।

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    पटना में फिल्म प्रमोशन के दौरान (बाएं से) करण शर्मा, वामिका गब्बी और राजकुमार राव। जागरण।

    अक्षय पांडेय, पटना। आइएएस-पीसीएस की फैक्ट्री और राजनीति का गढ़ माना जाने वाला बिहार फिल्मों के लिए भाग्यशाली है। इसी प्रदेश ने सिनेमा हाल एवं थिएटर को जिंदा रखा है। क्योंकि इस राज्य के लोग जमीन से जुड़े हैं, इस लिए पर्दे पर बिहार ही दिख रहा है।

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    ''भूल चूक माफ'' का प्रमोशन करने आए पटना

    राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त अभिनेता राजकुमार राव और अभिनेत्री वामिका गब्बी के ये विचार हैं। दोनों बुधवार को पटना में राजधानी के संजय मिश्रा और विनीत कुमार के अभिनय से सजी व करण शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म ''भूल चूक माफ'' का प्रचार करने आए थे।

    राजकुमार बोले, मैं पहली बार बिहार आया हूं

    ''शाहिद'', ''काई पो चे'', ''सिटीलाइट्स'', ''न्यूटन'' और ''स्त्री'' जैसी तमाम फिल्मों में अभिनय से प्रशंसा बटोर चुके राजकुमार ने कहा कि मैं पहली बार बिहार आया हूं। इस प्रदेश में आने की इच्छा काफी दिनों से थी। बिहार वालों के पास कमाल की ऊर्जा है। इस राज्य का सिनेमा से काफी गहरा लगाव है।

    हमारे काम को यहां के लोग काफी पसंद करते हैं। बिहार के ऊपर की कहानियों पर कई सफल फिल्में बनी हैं। भविष्य में अगर बिहार के विषय पर फिल्म करने का अवसर मिला तो जरूर करूंगा।

    बड़े शहरों को संवारते हैं छोटे शहर वाले

    वामिका गब्बी ने कहा कि मैं पहली बार बिहार आई हूं। राजधानी में गजब का निखार है। लिट्टी-चोखा का स्वाद तो गजब है। पटना के लोगों की ऊर्जा देखते बनती है। मुंबई जैसे बड़े शहरों में रह रहे लोग बिहार को छोटा कहते होंगे, पर ऐसा नहीं है। छोटे शहर वाले ही बड़े शहरों को संवारते हैं।

    बिहार सिनेमा के लिए काफी लकी है। इस राज्य के लोगों में फिल्मों की गजब समझ है। तभी यहां बड़ी-बड़ी फिल्मों का प्रचार करने अभिनेता, अभिनेत्री एवं निर्देशक आ रहे हैं। मोबाइल से इतर, बिहार के लोग अभी भी सिनेमा हाल में फिल्में देखने जा रहे हैं।

    तैयारी के साथ पहुंचें मुंबई

    राजकुमार और वामिका ने फिल्मी पेशे में भविष्य देखने वालों को सीख भी दी। वामिका ने कहा कि अब मौकों की कमी नहीं है। बस अपनी कला के प्रति प्रेम होना चाहिए। काम ऐसा करने चाहिए कि कोई आपको नकार न सके। राजकुमार ने कहा कि अब हर शहर में अवसर है। मुंबई केवल ट्राई करने के लिए न जाएं, तैयारी के साथ पहुंचे। किसी को जल्दी, किसी को देर से ही सही, पर सफलता मिलेगी जरूर।

    फिल्मों में दिखना चाहिए पटना

    बिहार की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म महारानी व भूल चूक माफ के निर्देशक करण शर्मा ने कहा कि मैं पटना का विकास देख अंचभित हूं। यहां कई ऐसे स्थान हैं, जिन्हें सिनेमा के जरिए पर्दे पर दिखाया जाना चाहिए। करण ने कहा कि एनएसडी में अध्ययनरत रहने के दौरान मेरे बहुत से मित्र बिहार के थे।

    राजधानी के संजय मिश्रा और विनीत कुमार के अभिनय की प्रशंसा करते हुए करण ने कहा कि बिहार की बोली में अपनापन लगता है। करण ने कहा कि शहर में घूमने का सबसे सुलभ माध्यम माल हैं, ऐसे में ऐसी फिल्मों का निर्माण किया जाना चाहिए, जो परिवार के साथ देखी जा सके।