अब रोहतास के मोर सराय में बनेगा शिक्षा विभाग का कार्यालय
नगर निगम क्षेत्र के मोर सराय में शिक्षा विभाग का अपना कार्यालय होगा। विभागीय निर्देश के आलोक में शिक्षा भवन निर्माण को लेकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोर सराय परिसर में भूमि उपलब्ध हुई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का डीईओ संजीव कुमार के नेतृत्व में गई अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण कर उसकी प्रकृति का जायजा लिया।

रोहतास। नगर निगम क्षेत्र के मोर सराय में शिक्षा विभाग का अपना कार्यालय होगा। विभागीय निर्देश के आलोक में शिक्षा भवन निर्माण को लेकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोर सराय परिसर में भूमि उपलब्ध हुई है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराई गई भूमि का डीईओ संजीव कुमार के नेतृत्व में गई अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण कर उसकी प्रकृति का जायजा लिया। भूमि सत्यापन उपरांत शिक्षा भवन निर्माण की दिशा में अग्रतर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा जा रहा है। 21 अगस्त 2021 को दैनिक जागरण में छपी थी जर्जर भवन में काम करने को विवश हैं कर्मी शीर्षक से खबर छपने के बाद शिक्षा विभाग भवन निर्माण की दिशा में कार्रवाई शुरू की।
ज्ञात हो कि गत एक दशक से डायट परिसर स्थित जर्जर भवन में संचालित हो रहे शिक्षा विभाग कार्यालय को अपना भवन हो इसे ले बीते दो वर्ष से प्रयास जारी था। जर्जर भवन में काम करने में अधिकारियों व कर्मियों को हो रही परेशानियों की ओर दैनिक जागरण भी खबर के माध्यम से समय-समय पर उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराता रहता था। इसके पूर्व इसी वर्ष 21 अगस्त को जर्जर भवन में काम करने को विवश हैं शिक्षा विभाग के अफसर व कर्मी शीर्षक से खबर छपी थी। लगभग छह माह पूर्व निरीक्षण में पहुंचे विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आफिस की जर्जर स्थिति देख दंग रहे गए थे। उन्होंने नए भवन निर्माण के लिए भूमि का चयन कर प्रस्ताव भेजने का निर्देश डीईओ को दिया था। डीईओ के पत्र पर जिला प्रशासन द्वारा शहर से सटे लालगंज में भूमि मुहैया कराई गई थी, लेकिन जांच में उक्त भूमि वास योजना के तहत पहले से ही भूमिहीनों को आवंटित कर दी गई थी। मामला संज्ञान में आने के बाद भूमि उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे थे। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी नई भूमि की तलाश करते हुए शहर से सटे उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मोर सराय व सेमरा के प्रधानाध्यापक को पत्र भेज शिक्षा भवन निर्माण के लिए तत्काल दस कट्ठा भूमि उपलब्ध कराते हुए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का निर्देश दिया था। जिसके बाद विद्यालय प्रबंध ने दो दिन पूर्व भूमि उपलब्ध कराने संबंधी प्रक्रिया को पूरी की।
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