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उत्तराखंड में नवजात को जिंदा खेत में गाड़ा गया, डॉक्टरों ने शुरू किया इलाज, स्वास्थ्य में सुधार

चटियाफार्म गांव के कुंडन सिंह भंडारी बुधवार की सुबह छह बजे खेत में काम करने के लिए गए। इसी दौरान उन्हें एक नवजात मिट्ट्टी के से ढका दिखा। जबकि सिर और मुंह खुला था। यह देख वह दंग रह गए। इस खबर से गांव में हड़कंप मच गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 11:02 PM (IST)
उत्तराखंड में नवजात को जिंदा खेत में गाड़ा गया, डॉक्टरों ने शुरू किया इलाज, स्वास्थ्य में सुधार
उत्तराखंड में नवजात को जिंदा खेत में गाड़ा गया, डॉक्टरों ने शुरू किया इलाज, स्वास्थ्य में सुधार

खटीमा, जेएनएन : मामला उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा का है। जहां चटियाफार्म नाम के एक गांव में मनुष्ता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। गांव के खेत में एक नवजात को सिर्फ उसका मुह छोड़कर गाड़ दिया गया था। सुबह खेत में काम करने पहुंचे ग्रामीण ने मिट्टी में गाड़े गए नवजात को देखा ताे दहशत में आ गया। उसने अन्य ग्रामीणों को घटना की सूचना दी। देखते ही देखते मौके पर लोगों की भारी भीड़ जुट गई। सूचना पुलिस तक पहुंची तो मौके पर दल-बल के साथ सीओ और कोतवाल भी पहुंचे। बच्चे की सांसे चल रही थीं। उसे एंबुलेंस 108 से अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के बाद उसकी हालत में सुधार बताया जा रहा है।

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चटियाफार्म गांव के कुंडन सिंह भंडारी बुधवार की सुबह छह बजे खेत में काम करने के लिए गए। इसी दौरान उन्हें एक नवजात मिट्ट्टी के से ढका दिखा। जबकि सिर और मुंह खुला था। यह देख वह दंग रह गए। इस खबर से गांव में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में लोग नवजात को देखने के लिए खेत में उमड़ पड़े। उसकी सांसें चलता देख उसे 108 सेवा से नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार ठाकुर एवं कोतवाल संजय पाठक मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर आसपास के लोगों से जानकारी हासिल की।

कोतवाल पाठक ने बताया कि इसकी जांच के लिए एक टीम गठित की गई है। आखिर खेत में नवजात कैसे पहुंचा इस बार में गांव के स्वास्थ्यकर्मियों से भी जानकारी ली जा रही है। वहीं अस्पताल पहुंचे नवजात का चिकित्सकों ने उपचार शुरू कर दिया है। चिकित्साधिकारी डॉ.सुनीता रतूड़ी ने बताया कि नवजात की हालत में पहले से सुधार हो रहा है। बच्चे के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है। 


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