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    सिंधु जल समझौता स्थगित के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास की नई उम्मीद, सीएम उमर अब्दुल्ला बोले- केंद्र के साथ चल रही बात

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंधु जल संधि के कारण जम्मू-कश्मीर में रुकी परियोजनाओं को शुरू करने के लिए केंद्र से बातचीत चल रही है। दो परियोजनाएं प्राथमिकता पर हैं जिनमें एक जम्मू और एक कश्मीर में है। ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक में ऊर्जा आवास और शहरी विकास पर चर्चा हुई। बिजली विभाग अभी भी घाटे में है।

    By naveen sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 12 Jun 2025 08:41 PM (IST)
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    जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि सिंधु जल संधि के कारण प्रदेश में रुकी हुई विभिन्न परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जा रही है। इनमें से दो परियोजनाएं प्राथमिकता में हैं और इनमें एक जम्मू प्रांत में है और एक कश्मीर प्रांत में। इन दोनों पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।

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    आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल के साथ एक बैठक के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिंधु जल संधि के कारण यहां कुछ परियोजनाएं अधर में लटक गई थी। अब यह संधि भारत सरकार ने स्थगित कर दी है और जम्मू कश्मीर में कुछ परियोजनाओं को फिर से शुरु करने का प्रयास किया जा रहा है। दोनों परियोजनाओं के संदर्भ में केंद्र सरकार के साथ बातचीत चल रही है।

    उन्होंने केंद्रीय मंत्री के साथ अपनी बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि यह ऊर्जा विभाग और आवास एवं शहरी विकास से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रही है। बैठक काफी लाभप्रद रही है। ऊर्जा विभाग और आवास एवं शहरी विकास विभाग में कुल मिलाकर दोनों क्षेत्रों में प्रगति काफी संतोषजनक रही है।

    हमने उन क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जहां हमें केंद्र से उम्मीदें हैं। कुछ जगहों पर छोटी-मोटी कमियां थीं और हमें उन्हें ठीक करने के तरीके के बारे में सुझाव मिले हैं। हम उन्हें लागू करेंगे।

    बिजली घाटे से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली विभाग अभी भी कर्ज में है, क्योंकि सरकार जिस कीमत पर बिजली खरीदती है और आपूर्ति करती है, उसमें अंतर है। हम रियायत के आधार पर सभी को बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं। चाहे वह घरेलू उपभोक्ता हो या वाणिज्यिक उपभोक्ता या औद्योगिक उपभोक्ता, हर कोई रियायती दरों पर बिजली लेता है, लेकिन स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होगा।

    इससे पूर्व उन्होंने बैठक में शहरी और बिजली क्षेत्र से संबंधित मुद्दों के संबंध में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की समीक्षा के लिए श्रीनगर की यात्रा के लिए केंद्रीय मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने बिजली और आवास एवं शहरी विकास से संबंधित जम्मू-कश्मीर के मुद्दों का उल्लेख करते हुए उनके समाधान के लिए केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया।

    उन्होंने जम्मू-कश्मीर में बिजली वितरण और पारेषण क्षेत्र के उन्नयन के लिए भारत सरकार से सहायता का अनुरोध किया। उन्होंने यकीन दिलाया कि केंद्र शासित प्रदेश इस क्षेत्र में सुधार के लिए हर संभव प्रयास करेगा।