Delhi: धोखाधड़ी के केस में 181 दिनों से जेल में बंद आरोपित को HC से मिली जमानत
दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में 181 दिनों से जेल में बंद एक आरोपित जमानत दे दी है। जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता आठ लाख रुपये की कथित धोखाधड़ी की राशि जमा करने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में 181 दिनों से जेल में बंद एक आरोपित जमानत दे दी है। आरोपित को जमानत देते समय जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता आठ लाख रुपये की कथित धोखाधड़ी की राशि जमा करने के लिए तैयार है। ट्रायल कोर्ट जिसे ब्याज वाली सावधि जमा रसीद (FDR) में रखा जाएगा, जिसे हर साल अपने आप नवीनीकृत किया जाएगा।
आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी आदि के आरोपों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468 और 471 के तहत दर्ज की गई थी। याचिकाकर्ता गौरव वर्मा ने इस आधार पर जमानत याचिका दायर की है कि जांच पूरी हो चुकी है, एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश होते हुए फिडेलेगल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर्स के एडवोकेट सुमित गहलोत ने तर्क दिया है कि अभियुक्त को आगे की जांच के लिए आवश्यक नहीं है।
जमानत याचिका में 21 अप्रैल को हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना की खंडपीठ ने नोटिस जारी कर राज्य (दिल्ली एनसीटी) को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और तिहाड़ जेल को भी नवीनतम नॉमिनल रोल (एनआर) दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता और मामले को छह दिनों के बाद 27 अप्रैल को सूचीबद्ध किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दलीलें सुनने के बाद 27 अप्रैल को पारित एक आदेश में जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया और याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए जमानत के साथ निजी मुचलके पर जमानत देने के लिए स्वीकार कर लिया और आगे निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता संबंधित जांच अधिकारी/एसएचओ को अपना संपर्क/पता विवरण प्रस्तुत करेगा और अपना मोबाइल लोकेशन ऐप हर समय खुला रखेगा।