Jagannath Rath Yatra: धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे महाप्रभु, जगन्नाथ रथ यात्रा तक प्रदेश में जारी रहेगी बारिश
ओडिशा में रथयात्रा तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है, जिसके लिए मौसम विभाग ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 28 जून तक तेज हवाएं और अशांत समुद्र की संभावना है। इसी बीच, पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ स्नान के बाद बीमार होने से अब स्वस्थ हो रहे हैं और गुरुवार को भक्तों को नव यौवन दर्शन देंगे, जिसके लिए गुप्त उपचार जारी है।
ओडिशा में रथयात्रा तक भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार रथयात्रा तक राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। एक ट्रफ रेखा उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तरी ओडिशा से होकर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रही है। इसके अलावा एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवात पश्चिम-मध्य और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तटों से सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है।
इसके प्रभाव से राज्य में जारी बारिश 27 जून तक जारी रहेगी। इस दौरान कुछ स्थानों पर भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने कहा है कि मयूरभंज, केंदुझर, सुंदरगढ़, नवरंगपुर, कालाहांडी, रायगढ़ा, गजपति, कंधमाल, झारसुगुड़ा, संबलपुर और देवगढ़ जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा है कि ओडिशा के बाकी हिस्सों में भी अच्छी मात्रा में बारिश होगी।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 25 जून से बारिश की मात्रा थोड़ी बढ़ सकती है। 25 जून को केंदुझर, मयूरभंज और बालासोर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शेष ओडिशा के लिए भी चेतावनी जारी की गई है।
इन जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी
26 जून को केंदुझर, मयूरभंज, ढेंकनाल और जाजपुर जिलों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस तरह 28 तारीख तक राज्य में बारिश जारी रहेगी। 25 और 26 तारीख को ओडिशा तट और आसपास के इलाकों में 35-45 किमी प्रति घंटे से लेकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। साथ ही समुद्र के अशांत रहने की संभावना है।
बीमार पड़े महाप्रभु अब स्वस्थ हो रहे
वहीं, पुरी जगन्नाथ धाम में 27 जून को महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सरकार से लेकर मंदिर प्रशासन तक बैठकों का दौर जारी है। हालांकि इस बीच सुगंधित शीतल जल के 108 घड़ों में स्नान करने के बाद बीमार पड़े महाप्रभु अब स्वस्थ हो रहे हैं।
ऐसे में अनवसर घर में महाप्रभु का गुप्त उपचार शुरू हो गया है, जो बुधवार रात तक जारी रहेगा और गुरुवार को भगवान अपने भक्तों को नव यौवन दर्शन देंगे। अनवसर घर में पूरी तरह गोपनीय तरीके से भगवान जगन्नाथ को घी लगाने की नीति शुरू की गई है। शुद्ध सुअर द्वारा तैयार इस दिव्य लेप को चांदी के बर्तन में रखकर दैतापति सेवकों ने महाप्रभु के शरीर पर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बुखार से ठीक हुए भगवान को हर दिन अलग-अलग तरह के फल, मूल और दूध दही का भोग लगाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस खली (दिव्य लेप) को शुद्ध सुअर सेवकों ने अपने निवास पर अत्यंत शुद्धता के साथ तैयार किया है। खली विजय के लिए मंदिर से घंटी और छटा के साथ आह्वान किया जाता है। बिजे खली, बजयंत्री, घंटाछटा के साथ जुलूस में तीन शुद्ध सुअर महाप्रभु के शरीर पर लगाने के लिए खली प्रसाद मंदिर लाए।
इससे पहले शुद्ध सुअर के निवास पर खली हांडी की महिलाओं द्वारा इस खली की पूजा की गई। बिजे खली खेले जाने के बाद महाप्रभु के शरीर पर लगाने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच खली हांडी को मंदिर लाया गया। शुद्ध सुअर सेवकों ने खली प्रसाद को दैतापति को सौंप दिया। इसके बाद दैतापति सेवकों ने एक गुप्त नीति शुरू की।
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