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    Coronavirus: कोराना संक्रमण से जूझ रहीं गो कथावाचक गोपाल मणि महाराज की पत्नी का निधन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:18 PM (IST)

    Coronavirus कोराना संक्रमण से जूझ रहीं गो कथावाचक गोपाल मणि महाराज की पत्नी का निधन हो गया। जिला प्रशासन की अनुमति मिलने पर परिजनों ने उनका हरिद्वार म ...और पढ़ें

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    कोराना संक्रमण से जूझ रहीं गो कथावाचक गोपाल मणि महाराज की पत्नी का निधन हो गया।

    जागरण संवाददाता, देहरादून:  Coronavirus कोराना संक्रमण से जूझ रहीं गो कथावाचक गोपाल मणि महाराज की पत्नी का निधन हो गया। जिला प्रशासन की अनुमति मिलने पर परिजनों ने उनका हरिद्वार में अंतिम संस्कार किया। वहीं, उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीएस रावत भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने इसकी पुष्टि की है।

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    जानकारी के अनुसार, चिन्यालीसैंण (उत्तरकाशी) कथावाचक गोपालमणि महाराज की पत्नी यशोदा देवी को पांच दिन पहले तबीयत बिगड़ने पर मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका शुगर लेवल भी बढ़ा हुआ था। मंगलवार रात उन्हें दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया, जहां पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गई। रामकथा ज्ञान यज्ञ समिति के अध्यक्ष एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, उनके करीबी रिश्तेदार मनोहर लाल जुयाल ने प्रशासन से शव का अंतिम संस्कार हरिद्वार में कराने की जिलाधिकारी से अनुमति ली। दोनों जिलों के डीएम की अनुमति के बाद हरिद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

    उधर, उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. रावत ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना जांच के लिए सैंपल दिया था। जिसमें वह पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव आने के बाद वह कोविड गाइड लाइन के मुताबिक, होम आइसोलेशन में चले गए हैं।

    गोपेश्वर में कोरोना संक्रमण बढऩे के बाद प्रशासन सजग

    कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ रही संख्या के बाद प्रशासन ने बाहरी क्षेत्रों से चमोली जिले में प्रवेश करने वालों की जांच दोबारा शुरू कर दी है।  जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के निर्देशों पर जनपद की प्रवेश सीमा गौचर में एक बार फिर से बैरियर लगाकर बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का मौके पर ही ट्रू-नेट और एंटीजन टेस्ट एवं लेखाजोखा रखने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। यहां पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने रोस्टर के अनुसार यहां पर चिकित्सकों, पुलिस बल एवं रिकार्ड रखने के लिए शिक्षकों की तैनाती की है। 

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