North Eastern Railway: चार फरवरी से नए कलेवर और कलर में चलेगी चौरीचौरा एक्सप्रेस, जानें-क्यों की गई है व्यवस्था
रेलवे प्रशासन ने चौरीचौरा एक्सप्रेस की रेक में एलएचबी कोच लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। नए कोचों में यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी। सीटें चौड़ी और गद्दीदार होंगी। कोच के अंदर का वातावरण और खिड़कियां बेहतर होंगी।
गोरखपुर, जेएनएन। चौरीचौरा जनक्रांति शताब्दी समारोह वर्ष की तैयारी में पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन भी जुट गया है। इसके तहत वाराणसी और प्रयागराज के रास्ते गोरखपुर से कानपुर अनवरगंज के बीच चलने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस को स्पेशल के रूप में चलाने की योजना तैयार की जा रही है। चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना के 100 वर्ष पूरा होने पर चार फरवरी से चौरीचौरा एक्सप्रेस के यात्रियों को झटके नहीं लगेंगे। यात्रा आरामदायक होगी। इसके लिए नए अति आधुनिक लिंक हाफमैनबुश (एलएचबी) कोच लगाए जाएंगे। रेलवे प्रशासन ने चौरीचौरा एक्सप्रेस की रेक में एलएचबी कोच लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। नए कोचों में यात्रियों को अतिरिक्त सुविधाएं मिलेंगी। सीटें चौड़ी और गद्दीदार होंगी। कोच के अंदर का वातावरण और खिड़कियां बेहतर होंगी। बिजली और पंखों की बेहतर सुविधा होगी। दरअसल, इस ट्रेन की रेक में अभी तक परंपरागत (पुराने वाले) कोच ही लगते हैं। यात्री हिचकोले खाने को मजबूर हैं। यहां जान लें कि चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना की याद में वर्ष 1990-91 से चौरीचौरा एक्सप्रेस चलाई जा रही है।
लगाए जाएंगे एलएचबी के 22 कोच
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार 05003/05004 चौरीचौरा एक्सप्रेस की रेक में गोरखपुर और कानपुर अनवरगंज से 4 और 5 फरवरी से एलएचबी के कुल 22 कोच लगने शुरू हो जाएंगे। रेक में साधारण द्वितीय श्रेणी के 07, शयनयान श्रेणी के 08, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का 01, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के तीन तथा प्रथम श्रेणी सह द्वितीय श्रेणी के 01कोच लगेंगे।
पहली से कानपुर अनवरगंज तक चलेगी चौरीचौरा
कोहरा के चलते आंशिक रूप से निरस्त चल रही चौरीचौरा एक्सप्रेस एक फरवरी से गोरखपुर से कानपुर अनवरगंज तक चलाई जाएगी। यह जानकारी मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने दी।
चौरीचौरा रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प
चौरीचौरा जनक्रांति शताब्दी समारोह वर्ष में चौरीचौरा रेलवे स्टेशन का कायाकल्प हो जाएगा। स्टेशन भवन और परिसर के विकास को लेकर जिला प्रशासन से लगायत पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। स्टेशन का विकास ऐसा होगा कि पहुंचने वाले यात्रियों को चौरीचौरा घटना से जुड़ी स्मृतियां और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से संबंधित यादें ताजा हो सकें। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की कवायद के बीच जिला प्रशासन की योजना भी परवान चढऩे लगी है। कमिश्नर जयन्त नार्लिकर ने चौरीचौरा रेलवे स्टेशन भवन और परिसर को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए रेलवे प्रशासन को पत्र भी लिखा है। पत्र के माध्यम से कमिश्नर ने कहा है कि चौरीचौरा शहीद स्मारक स्थल के सामने रेलवे की भूमि काफी नीचे है, ऐसे में वहा जलजमाव की समस्या बनी रहती है। इस भूमि को विकसित कर पार्क और पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। कमिश्नर ने शहीद स्मारक के पास स्थित चौरीचौरा और गोरखपुर रेलवे स्टेशन की दीवारों पर महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के चित्र उकेरे जाएं। चौरीचौरा स्टेशन पर महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से संबंधित ऐसे स्टाल लगाए जाएं जिससे पर्यटकों को इस क्षेत्र के विकास के बारे में जानकारी मिल सके। कमिश्नर ने रेलवे प्रशासन को आश्वस्त किया है कि इस विकास कार्य में जिला प्रशासन के अलावा पर्यटन और संस्कृति विभाग भी सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे। यहां जान लें कि चौरीचौरा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल का डी श्रेणी का स्टेशन है।
मुख्यमंत्री ने किया है निर्देशित
चौरीचौरा रेलवे स्टेशन को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संबंधित विभागों और अधिकारियों को निर्देशित किया है। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर स्टेशन के कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।