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    स्टेडियम में पहली बार दिखेगा बालिका बॉ¨क्सग का कमाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 08 Aug 2018 11:11 PM (IST)

    पं. गो¨वद बल्लभ पंत स्टेडियम में गुरुवार से बॉ¨क्सग की राज्यस्तरीय जूनियर बॉक्सिंग प्रतियोगिता होगी, जिसमें 18 मंडल के 350 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगी। ...और पढ़ें

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    स्टेडियम में पहली बार दिखेगा बालिका बॉ¨क्सग का कमाल

    जागरण संवाददाता, एटा: शहर के पं. गो¨वद बल्लभ पंत स्टेडियम में गुरुवार से बॉ¨क्सग के जरिए जिले में भी महिला सशक्तीकरण की नींव मजबूत होती दिखेगी। पिछड़े जिले की बालिकाएं भी बॉ¨क्सग में धमाल करने के लिए आकर्षित हैं। प्रतियोगिता में प्रदेश के 18 मंडलों से 350 खिलाड़ियों के पहुंचने की उम्मीद है।

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    जिले के लिए यह पहला मौका है, जब महिलाओं की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। राज्य स्तरीय 21वीं बालिका बॉ¨क्सग प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए सभी मंडलों की टीमें बुलाई गई हैं। स्थानीय खेल विभाग के पास बॉ¨क्सग के संसाधन उपलब्ध नहीं थे। इसलिए बॉ¨क्सग ¨रग मथुरा से मंगाई गई है।

    शाम तक स्टेडियम में बालिका बॉक्सरों के लिए ¨रग तैयार की जाती रही। इस मध्य 14 मंडलों की टीमों ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा दी। प्रदेश बॉ¨क्सग संघ के पहुंचे पदाधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिला क्रीड़ाधिकारी मुहम्मद सिराजुद्दीन ने बताया कि गुरुवार को सुबह 11 बजे प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक मारहरा वीरेंद्र ¨सह लोधी द्वारा किया जाएगा। 12 अगस्त को प्रतियोगिता का समापन होगा। राज्य स्तरीय आयोजन कराने का प्रयास इसीलिए रहा कि जिले की बालिकाएं भी बॉ¨क्सग में रुचि दिखाते हुए आगे बढ़े।

    अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय रेफरी पहुंचे

    प्रतियोगिता के लिए यहां अंतरराष्ट्रीय रेफरी संतोष कुमार, यूथ कमीशन चेयरमैन संजय गुप्ता, राष्ट्रीय रेफरी अरुण शर्मा, संजीव कटियार, शशि प्रकाश, संजीव दीक्षित, मनीष हजारिया, मुहम्मद मुजफ्फर, सोमेश दुबे, दीपक मिस्त्री आदि भी पहुंचे हैं। इसके अलावा बॉ¨क्सग की कई राष्ट्रीय बालिका खिलाड़ी भी यहां हुनर दिखाएंगी।

    यह बोलीं बालिका बॉक्सर

    बॉ¨क्सग में आगे आने से लड़कियां डरती हैं। इसमें डरने की बात नहीं यह खेल तो उनकी सुरक्षा के लिए और भी फायदेमंद है। वह पिछले साल प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित हो चुकी है।

    - निशा परिहार, फर्रुखाबाद

    अब तक लड़कियों के लिए सिर्फ खोखो और एथलेटिक्स जैसे खेल बताए जाते थे, अब ऐसा नहीं है। बॉ¨क्सग एक बेहतर खेल है और बालिकाओं को इसमें प्रतिभाग के लिए रुचि बढ़ानी चाहिए।

    - आकांक्षा, फर्रुखाबाद

    कहा जाता है कि बॉ¨क्सग के लिए बहुत ताकत जरूरी है। यह भी प्रेक्टिस और दिमाग का खेल है। महिलाओं को आत्मरक्षार्थ ही खेल में रुचि बढ़ानी चाहिए। आगे बढ़ने का मौका भी मिल सकता है।

    - शैला खान, कानपुर

    जो लड़कियां बॉ¨क्सग को सिर्फ शहरी खेल समझती हैं यह उनकी भूल है। बॉ¨क्सग में ही देश की कई ग्रामीण खिलाड़ी फतह पा चुकी हैं। जरूरी है कि सरकार गांव तक खेल को पहुंचाए।

    - अंशा मिश्रा, कानपुर