विम्स पावापुरी के डॉक्टरों ने नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल 2019 के विरोध में प्रतियां जलाई
वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के डॉक्टरों ने आईएमए आईएमएसएन के तत्वाधान में मंगलवार को कॉलेज परिसर मैं नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल 2019 का विरोध मैं बिल की प्रतियां जलाई ।
पावापुरी : वर्धमान आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी के डॉक्टरों ने आईएमए व आईएमएसएन के तत्वाधान में मंगलवार को कॉलेज परिसर में मंगलवार को नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल 2019 के विरोध में बिल की प्रतियां जलाई ।
भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी के बाद से जूनियर डॉक्टरों में गुस्से का माहौल है । भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई)के कार्यो को दो वर्षो के लिए एक शासी बोर्ड को सौंप जाने और इस दौरान पर पुर्नगठन करने के बाद से नाराज डॉक्टरों कहना है कि बिल से गैर एमबीबीएस डॉक्टरों को डॉक्टरी करने का लाइसेंस मिल जाएगा जिससे चिकित्सा क्षेत्र में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार बढ़ जाएगा । विरोध कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अगर आप किसी को आयुर्वेद के बाद एलोपैथी की इजा•ात देंगे तो वो आयुर्वेद क्यों करेगा। ऐसे तो देश से आयुष पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा। यह बिल गैर प्रतिनिधि क्रॉसपैथी को बढ़ावा देता है। चिकित्सा क्षेत्र और स्वास्थ्य देखभाल की लागत में दोगुना वृद्धि होगा। डॉक्टर सहजानन्द प्रसाद सिंह ने कहा जो लोग इतनी मुश्किल परीक्षाएं पास करके डिग्री लेंगे, उनके लाइसेंस के लिए आप परीक्षा रख रहे हैं। लेकिन वहीं ब्रिज कोर्स लाकर आप किसी को एलोपेथी प्रेक्टिस करने की इजा•ात दे रहे हैं अब तक 112 लोगों की टीम फैसला करती थी लेकिन अब 3 लोगों की टीम ही फैसला करेगी। ये सदस्य भी सरकार द्वारा मनोनीत होंगे। एक अलोकतांत्रिक संस्था को लाया जा रहा है। चिकित्सकों ने कहा कि सारी शक्तियां ब्यूरोक्रेसी को दी जा रही हैं जो ठीक नहीं है। यह बिल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है।
इस अवसर पर डॉक्टर सुनील कुमार, नीलकमल, अंजनी कुमार, आशुतोष, नमन नेगी, हरेकृष्णा, तुषार, राकेश, नवीन, अविनाश, शशांक, सुमन रवि, विकास कुमार, आनंद कुमार सहित विम्स के डॉक्टर एमबीबीएस विद्यार्थी उपस्थित थे।
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