ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बनता जा रहा दिल्ली, विदेशों तक फैला है जनजाल
दिल्ली में ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बनती जा रही है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई बताती है कि नकली दवाओं की आड़ में नशे की तस्करी के इस जाल ने विदेशों तक अपनी पहुंच बना ली है। पिछले पांच वर्षों में दिल्ली पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली में सक्रिय इस तरह के कई बड़े रैकेट्स का भंडाफोड़ किया, जिनके तार पाकिस्तान, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका, नाइजीरिया और चीन तक पाए गए।

फाइल फोटो
अनूप कुमार सिंह, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी ड्रग्स माफियाओं का गढ़ बनती जा रही है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई बताती है कि नकली दवाओं की आड़ में नशे की तस्करी के इस जाल ने विदेशों तक अपनी पहुंच बना ली है।
पिछले पांच वर्षों में दिल्ली पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने दिल्ली में सक्रिय इस तरह के कई बड़े रैकेट्स का भंडाफोड़ किया, जिनके तार पाकिस्तान, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका, नाइजीरिया और चीन तक पाए गए।
दिल्ली में इनकी सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार को ऑपरेशन कवच में एक ही दिन में 139 ड्रग्स माफिया पकड़े गए। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने 2024 में दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट को पकड़ा, जो फर्जी फार्मा कंपनियों की आड़ में कोकीन आदि की तस्करी कर रहा था।
इस सिंडिकेट के लोग पाकिस्तान और मध्य पूर्व तक लैले हुए थे। जो इसके लिए फर्जी वेबसाइट और रासायनिक पदार्थों की पैकेजिंग का इस्तेमाल कर रहे थे। इसी वर्ष महिपालपुर में कोकीन व हाइड्रोपोनिक कैनबिस पकड़ा था।
आरोप है कि इस धंधे में शामिल रैकेट दक्षिण अमेरिका से ड्रग्स आयात करता था। 2023 में ऑपरेशन कवच में दिल्ली पुलिस ने 35 किलो हेरोइन और 15 किलो कोकीन के साथ नाइजीरियाई और कोट डी''आइवर के तस्करों को पकड़ा था।
2021 में डार्कनेट के जरिए साइकोट्रोपिक ड्रग्स की तस्करी का खुलासा हुआ, जिसमें हरिद्वार की फर्जी फार्मा फर्म भी शामिल थी। यह घटनाएं बता रही हैं कि इधर के वर्षों में नशे के कारोबारियों ने दिल्ली में अपने पांव तेजी से पसार रहे हैं, जिनके तार देश के भीतर और बाहर फैले हुए हैं।
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