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    जब तक भालू को न पकड़ा बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे

    संवाद सहयोगी, चंबा : चंबा शहर से सटे जुम्महार क्षेत्र में ग्रामीण पर दिन-दहाड़े भालू के हमल

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Nov 2017 03:00 AM (IST)
    जब तक भालू को न पकड़ा बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे

    संवाद सहयोगी, चंबा : चंबा शहर से सटे जुम्महार क्षेत्र में ग्रामीण पर दिन-दहाड़े भालू के हमले के बाद दहशत का माहौल है। हैरत की बात यह है कि क्षेत्र में कई दिन से भालू दस्तक दे रहा है। लेकिन विभाग की ओर से समस्या का हल नहीं किया गया है। इस कारण क्षेत्र के लोगों में जिला प्रशासन व वन विभाग के खिलाफ आक्रोश है। लिहाजा ग्रामीणों ने वन विभाग व जिला प्रशासन को दो टूक चेतावनी दी है कि जब तक भालू के आतंक से निजात नहीं दिलवाई जाती है तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नही भेजेंगे।

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    चूंकि बच्चों को रोजाना चार किलोमीटर जंगल के रास्ते से होकर स्कूल पहुंचाना पड़ता है। सोमवार को क्षेत्र के ग्रामीण व अभिभावक बच्चों सहित भालू के आंतक से छुटकारा पाने की मांग को लेकर उपायुक्त से मिलेंगे। लोगों का कहना है कि इस बारे में पंचायत प्रतिनिधियों से बात की गई है। जब तक समस्या का समाधान नहीं किया गया तब तक बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

    शनिवार को भी अप्पर घरौणी के दीनो राम पर सुबह के समय भालू ने हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया। अगर बात देर शाम के समय की होती तो दीनो के साथ बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

    स्थानीय निवासी प्रवीन कुमार, सुरेश कुमार, जग्गो राम,देस राज, दया कृष्ण, धर्मेद्र कुमार, संजय कुमार, विक्रम कुमार, भगत राम, बलि राम, अत्मा राम,जिगरी राम, दुनी चंद, लेख राज, ¨पकू राम, अश्वनी कुमार, अनिल कुमार, राज कुमार, भीमसेन, निधिया राम, जर्म ¨सह, बुधिया राम, राकेश कुमार, राकू, टेक चंद, जगता राम, बिट्टू राम, मनसा, देसराज, घिंद्रो, मान ¨सह, पवन कुमार, ¨भद्र कुमार व ग¨जद्र ¨सह ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही यहां लोगों को भालू के खौफ में जीना पड़ रहा है। देर शाम के बाद कोई भी अकेला घर से नहीं निकल सकता है। कई बार यहां से बकरियों व पालतू कुत्तों पर हमला हो चुका है। लेकिन अब भालू राहगीरों पर भी हमला कर रहे हैं। इस कारण अब लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।

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    इन गांवों के बच्चे आते हैं जुम्महार :

    उक्त रास्ते से गांव अगाहर, सनौथा, बन्नीदी भूई, चौगान, मलैठी, सोभेई, मल्ला, चौरी, प्रहैल्ला के बीस बच्चे रोजाना जंगल के रास्ते से पैदल पढ़ाई करने के लिए जुम्महार स्कूल तक पहुंचते हैं। जिन्हें हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है।

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    पशु जंगल में छोड़ना किए बंद :

    क्षेत्र में भालू के आतंक से अब ग्रामीण पशु को चराने के लिए जंगल में ले जाने से भी परहेज कर रहे हैं। ग्रामीण भालू के खौफ से पशुओं को घर के आसपास चराने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। साथ ही सर्दियों में ठंड से बचने के लिए लकड़ी का इंतजाम भी नहीं कर पा रहे हैं।

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    जुम्महार क्षेत्र में भालू के आंतक से लोग सहम गए हैं। आए दिन वारदात के कारण लोगों ने निर्णय लिया है कि जब तक वन विभाग यहां पर भालू के आतंक से निजात नहीं दिलवता है, तब तक स्कूली बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाएगा। सोमवार को इस बारे में ग्रामीण स्कूली बच्चों सहित उपायुक्त चंबा से भी मिलेंगे और समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई जाएगी।

    -निक्को देवी, प्रधान, ग्राम बाट पंचायत।

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    मामला ध्यान में लाया गया है। इस बारे में जल्द उचित कार्रवाई की जाएगी। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। जल्द ही विभाग समस्या का स्थायी समाधान करेगा।

    -डॉ. संजीव शर्मा, डीएफओ, चंबा।