कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार की नई ओबीसी अधिसूचना पर लगाई रोक
कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी सभी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें ओबीसी की नई सूची भी शामिल है। यह रोक 31 ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी सभी अधिसूचनाओं पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें ओबीसी की नई सूची भी शामिल है। राज्य सरकार ने 140 पिछड़ी जातियों के लिए ओबीसी आरक्षण की नई सूची हाल में जारी की थी। यह रोक 31 जुलाई तक लागू रहेगी। साथ ही राज्य की ओर से शुरू किए गए पोर्टल व सभी विभागों में जाति प्रमाण पत्र जमा करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है।
यह आदेश मंगलवार को न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने दिया। जानकारों के मुताबिक इस रोक के कारण सरकार इस अधिसूचना के आधार पर आगे कोई कार्रवाई नहीं कर पाएगी। इससे पहले हाई कोर्ट ने 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाण पत्रों को रद करने का आदेश दिया था।
तब राज्य सरकार ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन वहां भी हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा गया था। माना जा रहा है कि इसका असर कालेज में दाखिला प्रक्रिया पर भी पड़ सकता है। कई लोगों को डर है कि एसएससी भर्ती परीक्षा में भी देरी हो सकती है।
76 मुस्लिम श्रेणियों को शामिल करने पर हाई कोर्ट का स्थगन आदेश स्वागतयोग्य : सुवेंदु
राज्य के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक्स हैंडल पर लिखा कि ममता बनर्जी सरकार द्वारा नई ओबीसी सूची में 76 मुस्लिम श्रेणियों को शामिल करने पर हाई कोर्ट के स्थगन आदेश के लिए मैं तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने लिखा कि 2010 में तृणमूल के सत्ता में आने से पहले ओबीसी में सिर्फ 20 फीसद मुस्लिम थे। ममता बनर्जी के दौर में यह पिछड़े हिंदुओं और गैर-मुस्लिमों को दरकिनार करते हुए राकेट की दर से बढ़ा।

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