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    वाराणसी में खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे निजी विद्यालयों की मांग पत्र का सत्यापन, 20 फरवरी तक का समय

    By Saurabh ChakravartyEdited By:
    Updated: Mon, 14 Feb 2022 10:30 PM (IST)

    मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में निश्शुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत नामांकन गरीब परिवारों के बच्चों का करना है। इसके एवज में निजी विद्यालयों के मांगपत्र के आधार पर शासन की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति दिया जाता है।

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    वाराणसी में खंड शिक्षा अधिकारी करेंगे निजी विद्यालयों की मांग पत्र का सत्यापन

    जागरण संवाददाता, वाराणसी : मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में निश्शुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत नामांकन गरीब परिवारों के बच्चों का करना है। इसके एवज में निजी विद्यालयों के मांगपत्र के आधार पर शासन की ओर से शुल्क प्रतिपूर्ति दिया जाता है।

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    इस बाबत निजी विद्यालयों की ओर से मांग पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने मांगपत्र की सूची संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को उपलब्ध कराते हुए निर्देश दिया है कि खंड शिक्षा अधिकारी स्वयं तथा एसआरजी व एआरपी के माध्यम से सूची का सत्यापन करते हुए बच्चों का विद्यालय में अध्ययन होना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही भौतिक सत्यापन कर यह भी जानकारी लेंगे कि संबंधित विद्यालय का वास्तविक शुल्क कितना है। अगर वास्तविक शुल्क 450 से कम है तो वास्तविक शुल्क का ही भुगतान किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी यह भी देखेंगे कि विद्यालय शासन या स्थानीय प्राधिकरण की ओर से प्राप्त भूमि या अन्य संसाधन का उपयोग कर रहे हैं की नहीं। उक्त कार्यों से संबंधित रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारियों को 20 फरवरी तक उपलब्ध करा देना है। इसके आधार पर ही जिलाधिकारी के अनुमोदन के बाद निजी विद्यालयों को राशि आवंटित की जाएगी।

    शिक्षक महेंद्र होंगे राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित

    चिरईगांव विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय कोटवां के सहायक अध्यापक महेंद्र प्रसाद को वर्ष 2021-22 का पंचम आदर्श पाठ योजना व कक्षा शिक्षण पुरस्कार दिया जाएगा। इस पुरस्कार के लिए प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व डायट स्तर पर उत्कृष्ट पाठ योजना का चयन होता है। महेंद्र प्रसाद को यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ की ओर से सामाजिक विषय प्रकरण 1857 की क्रांति पर राज्यस्तरीय पाठ योजना शिक्षण के लिए दिया जाएगा। 1857 की क्रांति को उन्होंने बड़े ही सरल व ग्राफिक्स के माध्यम से समझाया है। इससे पहले कहानी लेखन तथा कोरोना काल में वीडियो निर्माण के साथ कई राज्य स्तरीय शिक्षण गतिविधियों में चयनित हो चुके है। कोरोना काल में मोहल्ला शिक्षण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं।

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