बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान की पार्टी एनडीए सरकार पर सख्त, राज्य में कानून-व्यवस्था को बताया विफल
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगंआई वाली लोजपा (रा) बिहार की एनडीए सरकार के प्रति सख्त होती जा रही है। पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में राज्य सरकार पर बहुजनों और खासकर दलितों की बच्चियों के प्रति दुष्कर्म ओर हिंसा की दूसरी घटनाओं को रोकने में विफलता का आरोप लगाया गया है।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के करीब आते ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगंआई वाली लोजपा (रा) बिहार की एनडीए सरकार के प्रति सख्त होती जा रही है। गुरुवार को यहां हुई पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में राज्य सरकार पर बहुजनों और खासकर दलितों की बच्चियों के प्रति दुष्कर्म ओर हिंसा की दूसरी घटनाओं को रोकने में विफलता का आरोप लगाया गया है।
बढ़ते अपराध पर भी जाहिर की चिंता
बढ़ते अपराध पर भी चिंता जाहिर की गई। बैठक में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है-दलितों से जुड़े कई मामलों में राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह विफल रही है। इसके कारण कई बच्चियों की जान भी चली गई। पार्टी ने न्याय न मिलने की स्थिति में अदालत से सड़क तक संघर्ष करने की धमकी दी है। बैठा की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने की।
दलितों के मनरेगा कार्ड का भी मामला
संगठन के प्रभारी एवं सांसद अरुण भारती के अलावा पार्टी के अन्य पदाधिकारी भी इसमें उपस्थित थे। एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया है कि दलितों के मनरेगा कार्ड रद करने के मामले में वैध प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। सरकार की गलत प्रक्रिया के कारण लाखों दलित परिवार राशन से वंचित कर दिए गए हैं। प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है कि बिहार सहित देश भर में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति के वितरण में भेदभाव हो रहा है।
इसके कारण इन वर्गों के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। यह सब प्रशासनिक उदासीनता ही नहीं, नीतिगत पक्षपात का भी परिचायक है। पार्टी ने अपनी छात्र इकाई को गांव और प्रखंड स्तर पर छात्र सहायता शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया है।
एक प्रस्ताव में कहा गया है कि महादलित समुदाय के लोगों को अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए पार्टी संघर्ष करेगी। इस समुदाय को योजनाओं की भीख नहीं, हक और हिस्सेदारी चाहिए। लोजपा (रा) ने विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपनी उपस्थति दर्ज कराने का संकल्प लिया है।
गठबंधन की भावना और समझदारी की जरूरत
कहा गया कि पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कार्यकर्ता पूरी शक्ति से जनता के बीच जाएंगे, जहां गठबंधन की भावना और समझदारी की जरूरत होगी, पार्टी उसी संकल्प और समर्थन के साथ अपने सहयोग को प्रस्तुत करेगी। महत्वपूर्ण यह है कि इस प्रस्ताव में एनडीए की चर्चा नहीं की गई है।पार्टी 29 जून को राजगीर में बहुजन-भीम संकल्प समागम आयोजित करने जा रही है। इसमें भी विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी। किसी प्रस्ताव में केंद्र और राज्य सरकार की किसी उपलब्धि की चर्चा नहीं की गई है।
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